Sugar Stocks: शुगर कंपनियों के शेयरों में आज 2 सितंबर को भारी तेजी देखने को मिली। कारोबार के दौरान इन कंपनियों के शेयरों का भाव 12 फीसदी तक उछल गए। यह उछाल सरकार के एक फैसले के बाद आया है, जिसमें गन्ने के रस, चीनी सिरप और शीरे से एथेनॉल उत्पादन पर लगी लिमिट को साल 2025-26 के लिए हटा दिया गया है।
सरकार ने इससे पहले मौजूदा मार्केटिंग ईयर में गन्ने के रस, सिरप और सभी तरह के शीरे से एथेनॉल उत्पादन पर रोक लगा रखी थी। इसकी वजह गन्ने की सप्लाई में कमी बताया गया था। हालांकि 1 नवंबर से शुरू हो रहे नए एथेनॉल सप्लाई ईयर में शुगर मिलें और डिस्टिलरी बिना किसी क्वांटिटेटिव पाबंदी के एथेनॉल का उत्पादन कर सकेंगी। कंज्यूमर्स अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्ट्री ने एक बयान में यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने कहा कि विभाग समय-समय पर एथेनॉल के लिए होने वाले शुगर डायवर्जन की समीक्षा करता रहेगा ताकि घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (DFPD) ने कहा कि वह चीनी को इथेनॉल में बदलने की प्रक्रिया की समय-समय पर समीक्षा करेगा ताकि बाजार में साल भर चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब नए सीजन में गन्ने की सप्लाई में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। लगातार दो साल से मानसून सीजन के दौरान पर्याप्त बारिश ने किसानों को गन्ने की फसल का रकबा बढ़ाने में मदद की है, जिससे उत्पादन में इजाफा होना तय माना जा रहा है।
सरकार के इस फैसले का असर शेयर बाजार में भी तुरंत दिखाई दिया। बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयर 7% से ज्यादा उछलकर 580 रुपये पर पहुंच गए। श्री रेणुका शुगर्स के शेयर 12% से अधिक की छलांग लगाते हुए 32.28 रुपये पर पहुंच गए। वहीं, बजाज हिंदुस्तान शुगर और गोदावरी बायोरेफाइनरीज के शेयरों में 8% तक की तेजी देखी गई।
उत्तराखंड की उत्तम शुगर मिल्स के शेयरों ने 12% से अधिक की छलांग लगाई। जबकि धामपुर शुगर मिल्स और मगध शुगर एंड एनर्जी के शेयर करीब 10% ऊपर कारोबार कर रहे थे। त्रिवेणी इंजीनियरिंग के शेयरों में 4.5% की मजबूती आई, जबकि द्वारिकेश शुगर और दूसरी कंपनियों के शेयर लगभग 4% तक चढ़े।
इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने कल उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पूरे देश में 20% एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP-20) के रोलआउट को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि अप्रैल 2023 से पहले बने वाहन 20% एथेनॉल मिक्स वाले पेट्रोल के अनुकूल नहीं हैं। यहां तक कि कई नए बीएस-VI वाहन भी इस ईंधन के साथ तकनीकी रूप से पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।
हालांकि, अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस पॉलिसी को लागू करने से पहले इस मुद्दे की पूरी तरह जांच की गई थी और यह किसानों के लिए फायदेमंद है। साथ ही देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने में मदद करेगा। उन्होंने तर्क दिया कि क्या यह तय करने का अधिकार बाहरी ताकतों को होना चाहिए कि भारत किस तरह का ईंधन इस्तेमाल करे।
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