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Sun Pharma के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव, कीर्ति गणोरकर होंगे नए MD; दिलीप सांघवी के पास अब क्या जिम्मेदारी

Sun Pharmaceutical में कीर्ति गणोरकर जून 2019 से सन फार्मा में भारत के कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं। उत्तरी अमेरिका के प्रेसिडेंट और CEO अभय गांधी ने सन फार्मा के बाहर अपने हितों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मार्च 2025 के आखिर तक कंपनी में प्रमोटर्स के पास 54.48 प्रतिशत हिस्सेदारी थी

अपडेटेड Jun 13, 2025 पर 10:00 PM
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गणोरकर की एमडी के तौर पर नियुक्ति पर सन फार्मा की आगामी सालाना आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी बाकी है।

सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के टॉप मैनेजमेंट में बड़े बदलाव हुए हैं। कंपनी ने कीर्ति गणोरकर को नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। वह 1 सितंबर, 2025 से यह जिम्मेदारी संभालते हुए दिलीप सांघवी की जगह लेंगे। दवा कंपनी ने एक बयान में कहा कि पूरा कारोबार और सभी फंक्शंस गणोरकर की देखरेख में काम करेंगे। वहीं दिलीप सांघवी एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कंपनी के बोर्ड की अध्यक्षता करना जारी रखेंगे।

गणोरकर की एमडी के तौर पर नियुक्ति पर सन फार्मा की आगामी सालाना आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी बाकी है। गणोरकर जून 2019 से सन फार्मा में भारत के कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी का इंडिया बिजनेस लगातार बढ़ा है, जिससे इसकी बाजार हिस्सेदारी और बढ़ी है। इससे पहले गणोरकर ने कंपनी में बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग, मर्जर एंड एक्वीजीशंस, नए प्रोडक्ट इंट्रोडक्शन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, IP और मुकदमेबाजी में कई लीडरशिप रोल निभाए हैं।

1996 में जुड़े थे Sun Pharma से


सन फार्मा के मुताबिक, गणोरकर ने इलुम्या जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स के अधिकार हासिल करके कंपनी की स्पेशिएलिटी सेक्टर में एंट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कंपनी की जापान में एंट्री का नेतृत्व किया और यूरोप में एंट्री के लिए शुरुआती बेस तैयार किया। केमिकल इंजीनियरिंग और MBA की डिग्री रखने वाले गणोरकर ने 1996 में सन फार्मा को जॉइन किया था। उन्होंने कॉन्सेप्ट से लेकर कमर्शियलाइजेशन तक कई बड़े जेनेरिक प्रोजेक्ट्स के संचालन के साथ अमेरिकी कारोबार को भी सपोर्ट किया। कंपनी ने कहा कि सांघवी कंपनी के स्पेशलिटी पोर्टफोलियो को मजबूत करने पर फोकस करेंगे।

अभय गांधी छोड़ेंगे कंपनी का साथ

बयान में आगे कहा गया कि उत्तरी अमेरिका के प्रेसिडेंट और CEO अभय गांधी ने सन फार्मा के बाहर अपने हितों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। बयान में दिलीप सांघवी ने कहा कि अभय ने यूएस, भारत और उभरते बाजारों सहित भौगोलिक क्षेत्रों में सन फार्मा के लिए बिजनेस डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिचर्ड एस्क्रॉफ्ट उत्तरी अमेरिका के नए सीईओ के रूप में गांधी की जगह लेंगे।

रिक एक अनुभवी बायोफार्मास्युटिकल एग्जीक्यूटिव हैं, जिनके पास यूएस और वैश्विक बाजारों में कमर्शियल ऑपरेशंस, मार्केट एक्सेस, चिकित्सा मामलों और कॉर्पोरेट मामलों में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। इसके अलावा कंपनी के होल टाइम डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आलोक सांघवी को उत्तरी अमेरिका कारोबार की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है, जहां रिक आलोक को रिपोर्ट करेंगे।

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शेयर इस साल अभी तक 10 प्रतिशत टूटा

13 जून को BSE पर सन फार्मा का शेयर फ्लैट रहकर 1688.70 रुपये पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 4 लाख करोड़ रुपये है। शेयर साल 2025 में अभी तक 10 प्रतिशत नीचे आया है। कंपनी में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 54.48 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शेयर की आगे की चाल की बात करें तो मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि शेयर 2000 रुपये तक जाएगा। ब्रोकरेज ने इस साल मई में शेयर के लिए 'बाय' रेटिंग दी। प्रभुदास लीलाधर ने भी 'बाय' रेटिंग के साथ 2000 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया।

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