Swiggy IPO Listing: ग्रे मार्केट से फ्लैट एंट्री के संकेतों के बीच स्विगी के शेयर 7% से अधिक प्रीमियम पर लिस्ट हुए जबकि तीन साल पहले इसकी कॉम्पटीटर जोमैटो के शेयर 51 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुए थे। इसके आईपीओ को भी मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था। ओवरऑल इसे 3 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 390 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 412 रुपये और NSE पर 420 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 7 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Swiggy Listing Gain) मिला।
हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर NSE पर यह 391 रुपये (Swiggy Share Price) पर आ गया। हालांकि फिर तेज रिकवरी हुई और उछलकर यह 465.80 रुपये पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह 464 रुपये पर बंद हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 18.97 फीसदी मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर 25 रुपये के डिस्काउंट पर मिला है।
Swiggy IPO: नए शेयरों और ऑफर फॉर सेल का मिक्स था इश्यू
हुंडई मोटर के 27,870 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आईपीओ के बाद स्विगी का आईपीओ इस साल का दूसरा सबसे आईपीओ था। स्विगी के ₹11,327.43 करोड़ के आईपीओ में निवेशकों ने 6-8 नवंबर तक ₹371-₹390 के प्राइस बैंड और 38 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 25 रुपये का डिस्काउंट मिला है। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा नहीं भरा था। ओवरऑल यह 3.59 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 6.02 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.41 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 1.14 और एंप्लॉयीज का हिस्सा 1.65 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत 4,499.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 17,50,87,863 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से कंपनी 164.8 करोड़ रुपये से अपनी सब्सिडयिरी Scootsy का कर्ज हल्का करेगी। 1,178.7 करोड़ रुपये से डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा, 703.4 करोड़ रुपये तकनीक और क्लाउड इंफ्रा में लगाए जाएंगे, 1115.3 करोड़ रुपये ब्रांड मार्केटिंग और बिजनेस प्रमोशन पर खर्च होंगे। बाकी पैसों का इस्तेमाल अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
स्विगी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसका घाटा 4,179.3 करोड़ रुपये से गिरकर 2,350.2 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 36 फीसदी बढ़कर 11,247.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो जून तिमाही में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 564 करोड़ रुपये से बढ़कर 611 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन रेवेन्यू 35 फीसदी बढ़कर 3,222.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं जोमैटो का सितंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट 388 फीसदी और रेवेन्यू 68 फीसदी बढ़ गया।
Zomato की लिस्टिंग पर कितना हुआ था मुनाफा
करीब तीन साल पहले जोमैटो के 9,375.00 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 76 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए थे। 23 जुलाई 2021 को बीएसई पर यह 115 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था यानी कि निवेशकों को 51 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला था। इंट्रा-डे में यह 138.00 रुपये की ऊंचाई और 114.00 रुपये के निचले स्तर का सफर तय किया था और दिन के आखिरी में 125.85 रुपये पर बंद हुआ था यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 65 फीसदी से अधिक मुनाफे में थे। अब यह 260 रुपये के करीब है और 24 सितंबर 2024 को 298.20 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था।