ईरान और इजरायल के युद्ध में अमेरिका के कूदने से जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ गई है। इस जंग के चलते क्रूड सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है। क्रूड की तेजी से भारतीय बाजारों का मूड कितना बिगड़ सकता है। युद्ध के माहौल में निवेशकों को क्या करना चाहिए? किन थीम्स पर भरोसा करना चाहिए? इन्हीं सब पर चर्चा करते हुए कोटक महिंद्रा एएमसी ( Kotak Mahindra AMC) के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने निवेशकों से कहा कि ट्रेडिंग करना छोड़िए और निवेश करना शुरू कीजिए। तमाम अनिश्चितता के बीच बाजार शिखर के करीब ही है। जंग के बाद भी क्रूड बहुत ज्यादा नहीं उछला है।
रिकॉर्ड ऊंचाई से आई गिरावट का फायदा उठाएं
नीलेश शाह ने निवेशकों से कहा कि रिकॉर्ड ऊंचाई से आई गिरावट का फायदा उठाएं। कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार से खपत बढ़ेगी। इस समय डिस्क्रिशनरी कंज्यूमर और केमिकल स्पेस बेहतर नजर आ रहे हैं। लार्जकैप शेयर भी रिकॉर्ड ऊंचाई से गिरे हैं। इस समय फेयर वैल्युएशन और बेहतर ग्रोथ वाले स्पेस पर फोकस होना चाहिए।
घरेलू और ग्लोबल फैक्टर के चलते दायरे में बाजार
नीलेश शाह का मानना है कि डिफेंस का वैल्युएशन महंगा नजर आ रहा है। AI फोकस वाले IT कंपनियों में बेहतर मौके संभव हैं। मिडकैप IT कंपनियों का वॉल्यूम ग्रोथ अच्छा है। घरेलू फैक्टर बाजार को संभाले हुए हैं। ग्लोबल फैक्टर बाजार पर दबाव बना रहे हैं। घरेलू और ग्लोबल फैक्टर के चलते बाजार दायरे में है।
जब मार्केट सस्ता होगा, इक्विटी में निवेश बढ़ेगा
रियल्टी शेयरों पर बात करते हुए नीलेश शाह ने कहा कि चुनिंदा प्रीमियम लग्जरी प्रॉपर्टी बिक रही है। रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनियों को ग्रोथ का सहारा है। उन्होंने अपनी निवेश रणनीति पर बात करते हुए कहा कि ओपन एंडेड फंड के चलते 3-4 फीसदी कैश रखते हैं। जब मार्केट सस्ता होगा तो इक्विटी में निवेश बढ़ेगा। जब मार्केट महंगा होगा तब कुछ मुनाफावसूली संभव है। उन्होंने आगे कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर पर उनका पॉजिटिव नजरिया है। भारत में मेडिकल सेवाएं अच्छी और सस्ती हैं। हेल्थकेयर सेक्टर को इसका फायदा मिलेगा।