क्या टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की चमक फीकी पड़ रही है? 2025 में टाटा समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन को देखने से ऐसा लगता है। 2023 और 2024 में शानदार रिटर्न देने वाले इन शेयरों में इस साल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी घटती दिख रही है। 2025 में अब तक टाटा समूह की कंपनियों का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन 15 फीसदी से ज्यादा घट चुका है। 2024 के अंत में यह 31.10 लाख करोड़ रुपये था, जो घटकर 26.56 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।
2023 और 2024 में निवेशकों को किया था मालामाल
Tata Group की कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन 2023 और 2024 में शानदार रहा था। 2023 में इनका रिटर्न करीब 12 फीसदी और 2024 में 33 फीसदी था। इस साल सबसे ज्यादा कमजोरी Tata Consultancy Services (TCS) के शेयरों में देखने को मिली है। 2025 में इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.91 लाख करोड़ रुपये घटा है। समूह की दूसरी कंपनी Trent के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 57,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। Tata Motors, Indian Hotels और Voltas में से प्रत्येक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा गिरावट आई है। Tejas Networks जिसके शेयरों में 2025 में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है, उसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 10,000 रुपये से ज्यादा घटा है।
टाइटन और टाटा स्टील के शेयरों ने दिखाया दम
Tata Technologies और Tata Elxsi के शेयरों पर भी दबाव दिखा है। 2025 में अब तक टाटा टेक्नोलॉजीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 8,400 करोड़ रुपये और टाटा एलक्सी का 6,600 करोड़ रुपये घटा है। इस दौरान Titan Company और Tata Steel के शेयरों में तेजी देखने को मिली है। दोनों में से प्रत्येक का मार्केट कैटिपलाइजेशन करीब 27,000 करोड़ रुपये बढ़ा है। तीसरी कंपनी जिसके मार्केट कैपिटलाइजेशन में इजाफा हुआ है, वह Tata Consumer Products है। इसका एम कैप 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ा है।
ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता और ज्यादा वैल्यूएशन का असर
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में फंडामेंटल रिसर्च के हेड सौरव जैन ने कहा कि इनवेस्टर्स के कॉन्फिडेंस पर विदेशी फंडों की बिकवाली, ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता और ज्यादा वैल्यूएशन का असर पड़ा है। टाटा समूह की रिटेल और ऑटो कंपनी का प्रदर्शन भी इस साल कमजोर रहा है। टीसीएस एक समय मार्केट लीडर थी। उसके मार्केट कैपिटलाइजेशन में तेज गिरावट आई है। तेजस नेटवर्क्स के लिए भी यह साल खराब रहा है। टाटा मोटर्स पर सबसे ज्यादा मार अमेरिकी टैरिफ की पड़ी है। इसके अलावा घरेलू बाजार में भी पैसेंजर व्हीकल्स की डिमांड कमजोर रही है। उधर, चीन से रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई रुकने का असर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उत्पादन पर पड़ा है।
ट्रेंट ने दिया था 300 फीसदा का रिटर्न
2023 और 2024 में टाटा ग्रुप की 12 कंपनियों के शेयरों ने 50-300 फीसदी के बीच रिटर्न दिए थे। इसमें सबसे पहला नाम ट्रेंट का है, जिसके शेयरों ने 300 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया था। टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन और बनारस होटल्स में से हर कंपनी के शेयरों में 240 फीसदी का उछाल आया था। Automobile Corporation of Goa का शेयर 130 फीसदी और Indian Hotels का सेयर 150 फीसदी उछला था। Artson का शेयर 123 फीसदी और TRF का 92 फीसदी चढ़ा था। Oriental Hotels और Tata Power में से हरेक के शेयर में 90 फीसदी से ज्यादा तेजी आई थी।
अब नजरें टाटा कैपिटल के आईपीओ पर
अब नजरें टाटा कैपिटल के आईपीओ पर लगी हैं। इसके सितंबर के अंत में आने की उम्मीद है। एनालिस्ट्स का कहना है कि टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों में इस साल कमजोरी का असर टाटा कैपिटल के आईपीओ पर पड़ सकता है। हालांकि, कुछ एनालिस्ट्स की राय इस मामले में अलग है। एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि टाटा समूह की हर कंपनी पर कमजोरी का असर पड़ेगा। बाजार हर कंपनी के गुण और दोष के आधार पर फैसला लेगा।