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सितंबर तिमाही में इन 10 कंपनियों के नतीजे रहे शानदार, लेकिन Nifty 50 के लिए बुरी खबर

Stock Market News: सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे के साथ-साथ कुछ और फैक्टर्स ने भी मार्केट में बिकवाली का दबाव बनाया। इन सबके चलते करेक्शन का दौर शुरू हुआ और फिलहाल सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड हाई से 7-7 फीसदी से अधिक नीचे हैं। इस गिरावट का कई निवेशकों ने फायदा उठाया और निचले स्तर पर अच्छे शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा या वजन बढ़ाया

अपडेटेड Nov 28, 2024 पर 5:06 PM
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मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी की अर्निंग्स ग्रोथ 5 फीसदी रह सकती है जो 5 साल में पहली बार होगा, जब इसकी रफ्तार 10 फीसदी से नीचे रहेगी।

Stock Market News: सितंबर के आखिरी में इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे लेकिन इसके बाद अब करेक्शन के चलते फिलहाल ये 7-7 फीसदी से अधिक नीचे हैं। इस गिरावट का कई निवेशकों ने फायदा उठाया और निचले स्तर पर अच्छे शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा या वजन बढ़ाया। इस गिरावट की सबसे अहम वजह रही कि सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे ने शेयरों पर दबाव बनाया। हालांकि कुछ कंपनियों का परफॉरमेंस शानदार रहा जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), लार्सन एंड टुब्रो (L&T), महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), सन फार्मा, इंडियन होटल्स, पेज इंडस्ट्रीज, इप्का लैब्स, एंजेल वन, अम्बर एंटरप्राइजेज और अतुल। वहीं ब्रोकरेज फर्म ने पांच ऐसे स्टॉक्स भी बताए जो सितंबर तिमाही के नतीजे के हिसाब से फिसड्डी रहे जैसे कि टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, एवेन्यू सुपरमार्ट्स, एबीबी इंडिया और इंडसइंड बैंक।

क्यों आई मार्केट में तेज गिरावट

सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे के साथ-साथ कुछ और फैक्टर्स ने भी मार्केट में बिकवाली का दबाव बनाया। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक मिड-कैप और स्मॉल-कैप के हाई वैल्यूएशन ने भी दबाव बनाया और इसके साथ मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने भी बिकवाली शुरू की। हालांकि ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक बड़ी कंपनियों का वैल्यूएशन फीका पड़ा है लेकिन मिड और स्मॉल-कैप का वैल्यूएशन अभी भी महंगा ही है। निफ्टी-50 अब 19.6x FY26E EPS पर ट्रेड कर रहा है, जबकि मिड-कैप/स्मॉल-कैप इंडेक्स एक साल के फारवर्डेड P/E मल्टिपल्स के हिसाब से 30x/23x पर हैं, जो रिकॉर्ड हाई लेवल से नीचे हैं लेकिन फिर भी महंगे हैं।


अब आगे कैसा है रुझान

वित्त वर्ष 2020-24 में सालाना 21 फीसदी की चक्रवृद्धि रफ्तार से बढ़ने के बाद कॉरपोरेट कमाई सितंबर छमाही में सुस्त पड़ी। सितंबर तिमाही की बात करें तो निफ्टी50 की अर्निंग्स ग्रोथ 17 तिमाहियों में सबसे कम रही। अब आगे की बात करें तो मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी की अर्निंग्स ग्रोथ 5 फीसदी रह सकती है जो 5 साल में पहली बार होगा, जब इसकी रफ्तार 10 फीसदी से नीचे रहेगी।

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