Tata motors share : पहली तिमाही में टाटा मोटर्स के नतीजे कमजोर रहे हैं। इसके बावजूद शेयर में तेजी है। तेजी के कारणों पर नजर डालें तो कमजोर नतीजों के बावजूद कई मोर्चों पर कंपनी के लिए उम्मीद की किरण नजर आ रही है। इसके चलते स्टॉक में अच्छी रिकवरी आई है। पहली तिमाही में JLR का EBIT मार्जिन 485 बेसिस प्वाइंट घटा है। लेकिन तिमाही आधार पर ये अनुमान से थोड़ा बेहतर रहा है। कमजोर पहली तिमाही के बाद भी JLR का वित्त वर्ष 2026 का EBIT मार्जिन गाइडेंस 5-7 फीसदी पर बरकरार है। एक्सपर्ट्स का कहा है कि टैरिफ की अनिश्चितता कम होने से सुधार होने की उम्मीद है। टैरिफ के चलते आगे चलकर 300-400 मिलियन पाउंड का असर संभव है।
CV मार्केट शेयर में 50 बेसिस प्वाइंट सुधार होने की उम्मीद
तिमाही आधार पर CV मार्केट शेयर में 50 बेसिस प्वाइंट सुधार होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में EV ग्रोथ 13 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी रहनी संभव है। कंपनी के नतीजों की बात करें तो सालाना आधार पर मुनाफा 35 फीसदी तो आय 3 फीसदी गिरी है। वहीं, मार्जिन सालाना आधार पर 14 फीसदी से गिरकर 9.3 फीसदी पर रहा है। जबकि EBITDA सालाना आधार पर 35 फीसदी घटकर 9724 करोड़ रुपए पर रहा है। टैरिफ की वजह आय में 3.8 फीसदी का असर देखने को मिल सकता है। पहली तिमाही में तिमाही आधार पर JLR की होलसेल वॉल्यूम 28 फीसदी घटी है।
कैसी रही शेयर की चाल
शेयर की चाल पर नजर डालें तो फिलहाल ये शेयर 19.95 रुपए यानी 3.15 फीसदी की बढ़त के साथ 655 रुपए के आसपास दिख रहा है। आज का इसका दिन का हाई 654.85 रुपए है। 1 हफ्ते में ये शेयर 0.07 फीसदी टूटा है। वहीं, 1 महीने में इसमें 4.15 फीसदी की कमजोरी आई है। 3 महीने में ये शेयर 7.78 फीसदी टूटा है। इस साल अब तक ये शेयर 11.64 फीसदी टूटा है। जबकि 1 साल में इसमें 38.77 फीसदी की कमजोरी आई है। वहीं, 3 साल में ये शेयर 37.19 फीसदी टूटा है।
स्टॉक में क्या हो रणनीति
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के मुताबिक टाटा मोटर्स के शेयरों में निकट भविष्य में 'कमजोरी रहने की संभावना है, जिसके कारण ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक के लिए अपने टारगेट प्राइस को घटाकर 550 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।
ब्रोकरेज ने बढ़ती प्रतिस्पर्धा, चीन में टैक्स, वारंटी लागत और जेएलआर के पुराने मॉडलों की वजह से दबाव की संभावना जताई है। साथ ही भारत के पैसेंजर वाहन सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी घटने और मार्जिन पर दबाव की भी बात कही है। ब्रोकरेज ने कमर्शियल वाहनों की कमजोर मांग और इवेको के अधिग्रहण को लेकर बनी चिंताओं का भी जिक्र किया है। इसके चलते वित्त वर्ष 2026-28 के ईपीएस अनुमानों में 8-15फीसदी की कटौती की है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ का कहना है किआगे जेएलआर की बिक्री में सुस्ती की उम्मीद है। जगुआर मॉडल के बंद होने, चीन और यूरोप में बिक्री कमज़ोर रह सकती है। अमेरिकी टैरिफ़ के कारण केवल 1 प्रतिशत सीएजीआर का अनुमान है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए नुवामा ने अपनी रिड्यूस रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस 670 रुपये से घटाकर 610 रुपये कर दिया है।
मोतीलाल ओसवाल ने जेएलआर के लिए कई चुनौतियों की बात कही। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपनी 'न्यूट्रल' रेटिंग दोहराई है और 631 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य दिया। दूसरी ओर, घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने टाटा मोटर्स पर पॉजिटिव राय दी है और 750 रुपये के टारगेट के साथ इसे 'BUY' रेटिंग दी है।
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