बेंजामिन ग्राहम (Benjamin Garaham) से लेकर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) जैसे वैल्यू इनवेस्टर का शेयरों से प्रॉफिट बनाने का एक खास फॉर्मूला है। हाई क्वालिटी शेयरों को सस्ते प्राइस पर खरीदा जाए और इन्हें लंबे समय तक अपने पास रखा जाए। फिर ये शेयर पैसे को कई गुना तक बढ़ा देते हैं।
लेकिन, हाई क्वालिटी और सस्ते भाव का पता लगाना मुश्किल है। एक आम निवेशक के पास रिसर्च के लिए ज्यादा समय नहीं होता है। एक्सपर्ट्स ने इसके कुछ तरीके बताए हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
शेयरों की क्वालिटी के बारे में जानने के कई पैमाने हैं। रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (ROCE) इनमें सबसे प्रमुख हैं। ROE का मतलब है कि पूंजी पर कितना रिटर्न कंपनी को मिल रहा है। ज्यादातर एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर किसी कंपनी का आरओई और आरओसीई 20 फीसदी से ऊपर है तो अच्छा है।
कोई शेयर सस्ता है या महंगा, यह पता लगाने के लिए एनालिस्ट्स प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेशियो को देखते हैं। पीई से यह पता चलता है कि इनवेस्टर्स कंपनी से हर एक रुपये की इनकम के लिए कितना पैसा चुकाने को तैयार हैं। कितने पीई को सही मानना चाहिए, यह सेक्टर और कंपनी के बिजनेस पर निर्भर करता है। लेकिन, आम तौर पर 20 से कम पीई को सस्ता माना जाता है।
हमने ऊपर के तीन मानकों के आधार पर बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में से वैल्यू स्टॉक का पता लगाने की कोशिश की है। हमने वित्त वर्ष 2019-21 के दौरान 20 से ऊपर ROE और ROCE कंपनियों को अलग किया। इसकी वजह यह है कि वित्त वर्ष 2021-22 का डेटा उपलब्ध नहीं है। पीई रेशियो के लिए हमने उन कंपनियों को अलग किया, जिनका पीई 15 तक है।
इस तरह हमें अलग-अलग इंडस्ट्रीज और मार्केट कैपिटलाइजेशन की 36 कंपनियों के बारे में पता चला। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर कंपनियों के शेयर के प्राइस अपने 52 हफ्ते के हाई से 70 फीसदी तक गिर चुके हैं। यह गिरावट अक्टूबर के बाद मार्केट में जारी गिरावट में आई है।
ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें अभी इनवेस्ट करने पर अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है। इनमें कुछ बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इनमें Coal India, Hindustan Aeronautics जैसी लार्जकैप कंपनियां शामिल हैं। इनके अलावा हमें Petronet LNG, OFSS, Sun TV Network, ICICI Securities, Gujrat State Petronet, GR Infraprojects, Mahanagar Gas, Glenmark Sciences और HG Infra Engineering शामिल हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विससेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, "वैल्यूएशंस फेयर लेवल पर पहुंच जाने के बाद इनवेस्टर्स इन शेयरों को खरीद सकते हैं।" एनालिस्ट्स का यह भी कहना है कि आरओई और आरओसीई के साथ ही इनवेस्टर्स को कुछ दूसरे मानकों पर भी कंपनियों को परख लेना चाहिए। इनमें मैनेजमेंट की क्वालिटी, कैश फ्लो, लिक्विडिटटी, ग्रोथ अपॉर्चुनिटी शामिल हैं।