चिट्ठियों के दिन भी क्या दिन थे। पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र और लिफाफे में सिमटे संदेश। कभी बैरंग आते थे तो कभी रंग-बिरंगे डाक टिकटों के साथ। जमाना बदला तो संदेश के माध्यम भी बदल गए। न्यू मीडिया हमें चिट्ठियों के दिनों से दूर ले आया है। हॉटमेल, रेडिफ, याहू, ऑरकुट से होते हुए हम फेसबुक, इंस्टा, व्हाट्सएप, X, स्नैपचैट, थ्रेड्स का सफर तय कर चुके हैं। सोशल मीडिया से सिर्फ माध्यम ही नहीं बदले हैं बल्कि संदेशा भेजने और कंटेंट देखने का तरीका बदल चुका है। सेल्फी, REEL, FOLLOWERS, TRENDS जैसे शब्दों से घिरी सोशल मीडिया की ये दुनिया LIKE & SUBSCRIBE के बगैर चलती ही नहीं। नए-नए ट्रेंड्स आते और जाते रहते हैं। सोशल मीडिया की तरह ही शेयर मार्केट में कमाई की नई-नई थीम उभरती रहती है। जिन सेक्टर्स और शेयर्स में रिटर्न की संभावनाएं होती है, उसे निवेशक लाइक आणि सब्सक्राइब करते रहते हैं।
