बीएसई पर लिस्टेड पानी की प्लास्टिक टंकी बनाने वाली सिंटैक्स प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी (Sintex Plastics Technology) के एसेट्स बिकने वाले हैं। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के लिक्विडेशन के आदेश को बरकरार रखा है। लिक्विडेशन का मतलब कंपनियों के संपत्तियों की बिक्री कर कर्ज चुकाया जाएगा। इसके शेयर अभी 1.05 रुपये के भाव पर हैं लेकिन बीएसई की वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसकी ट्रेडिंग बंद की जा चुकी है। इसका फुल मार्केट कैप महज 66.80 करोड़ रुपये है।
Sintex Plastics Technology का मामला कैसे पहुंचा NCLAT में?
सिंटेक्स प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी के कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) में सिर्फ आरबीएल बैंक (RBL Bank) ही है यानी कि 100 फीसदी वोट इसके पास ही हैं। कंपनी के लिए सुभलक्ष्मी इंवेस्टमेंट एडवायजरी (Subhlaxmi Investment Advisory) ने जब बोली लगाई थी तो उसमें आरबीएल बैंक वोट देने के लिए उपस्थित नहीं रहा। इसी तर्क को लेकर सुभलक्ष्मी ने एनसीएलएटी से गुहार लगाई।
सुभलक्ष्मी का कहना था कि चूंकि आरबीएल बैंक वोटिंग के समय उपस्थित नहीं रहा, फिर भी एनसीएलटी ने लिक्विडेशन का आदेश दे दिया जबकि तकनीकी रूप से उसकी बोली को आरबीएल बैंक ने खारिज नहीं किया था। हालांकि एनसीएलएटी ने कहा कि चूंकि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में अकेले आरबीएल बैंक ही है, ऐसे में वोटिंग में उसके अनुपस्थित रहने का मतलब है कि रिजॉल्यूशन प्लान के पक्ष में वह नहीं है। कर्ज के बोझ से जूझ रही सिंटेक्स प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी को लिक्विडेट करने के लिए 12 अप्रैल 2024 को याचिका दायर हुई थी और एनसीएलटी ने इस पर 3 मई 2024 को मंजूरी दे दी।
दो सिस्टर कंपनियों की पहले ही हो चुकी है बिक्री
सिंटेक्स प्लास्टिक्स पानी की प्लास्टिक टंकी बनाती है। अब इसके एसेट्स की बिक्री होने वाली है जबकि दो सिस्टर कंपनियों- सिंटेक्स बीएपीएल लिमिटेड (SBL) और सिंटेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SIL) पहले ही दिवाला प्रक्रिया से जूझ चुकी हैं। प्लास्टिक के सामान बनाने वाली एसबीएल को वेलस्पन कॉर्प (Welspun Corp) ने मार्च 2023 में 1,251 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। वहीं धागा और कपड़े बनाने वाली एसआईएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खरीदा है।