Trade setup for today: बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी
निफ्टी बैंक के लिए पहला सपोर्ट 36,660.7 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 36,531.8 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 37,001 फिर 37,212.4 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
निफ्टी जिस तरह से 20-day SMA के करीब रजिस्टेंस का सामना कर रहा है उसे देखते हुए हमारा मानना है कि अगर निफ्टी 17,192 के नीचे जाता है तो फिर ये 17,050 की तरफ भी जा सकता है। इस ट्रेड सेटअप के लिए 17,280 का स्टॉप लॉस जरूर लगाएं।
यूएस फेड के फैसलों के आने के पहले 15 दिसंबर को भी बाजार दबाव में बना रहा और BSE Sensex 300 अंकों से ज्यादा गिरावट के साथ बंद होता नजर आया। कल के कारोबार में Sensex 329अंक यानी 0.57 फीसदी कीगिरावट के साथ 57,788.03 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Nifty 103.50 अंक गिरकर 17,221.40 पर बंद हुआ और इसने डेली चार्ट पर एक बियरिश इंगल्फिंग पैटर्न बनाया।
GEPL Capital के करन पई का कहना है कि निफ्टी ने कल सपाट चाल के लिए साथ शुरुआत की। फिर 20-day SMA (simple moving average - 17,343) के करीब रजिस्टेंस का सामना करने के बाद नीचे की तरफ रुख कर लिया। अंत में निफ्टी डेली चार्ट पर एक बियरिश इंगल्फिंग पैटर्न बनाते हुए बंद हुआ।
निफ्टी जिस तरह से 20-day SMA के करीब रजिस्टेंस का सामना कर रहा है उसे देखते हुए हमारा मानना है कि अगर निफ्टी 17,192 के नीचे जाता है तो फिर ये 17,050 की तरफ भी जा सकता है। इस ट्रेड सेटअप के लिए 17,280 का स्टॉप लॉस जरूर लगाएं।
कल के कारोबार में दिग्गजों के साथ ही छोटे-मझोले शेयरों में भी बिकवाली का दबाव रहा। कल के कारोबार में Nifty Midcap 0.58 फीसदी और Smallcap 0.39 फीसदी गिरकर बंद हुए थे।
यहां आपको कुछ ऐसे आंकडे दे रहे हैं जिनके आधार पर आपको मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में आसानी होगी। यहां इस बात का ध्यान रखें कि इस स्टोरी में दिए गए ओपन इंटरेस्ट (OI)और स्टॉक्स के वॉल्यूम से संबंधित आंकड़े तीन महीनों के आंकड़ों का योग हैं, ये सिर्फ चालू महीनें से संबंधित नहीं हैं।
निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 17,158.66 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 17,095.93 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 17,317.66 फिर 17,413.93 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
Nifty Bank
निफ्टी बैंक के लिए पहला सपोर्ट 36,660.7 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 36,531.8 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 37,001 फिर 37,212.4 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
कॉल ऑप्शन डेटा
18000 की स्ट्राइक पर 37.96 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो दिसंबर सीरीज में अहम रजिस्टेंस लेवल का काम करेगा। इसके बाद 17,500 पर सबसे ज्यादा 23.97 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 17,400 की स्ट्राइक पर 21.23 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट है।
17600 की स्ट्राइक पर काल राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 1.94 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 17,500 पर भी 1.47 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं।
17,900 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 17,800 और फिर 17,700 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग रही।
पुट ऑप्शन डेटा
17000 की स्ट्राइक पर 47.82 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो दिसंबर सीरीज में अहम रजिस्टेंस लेवल का काम करेगा। इसके बाद 16000 पर सबसे ज्यादा 29.48 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 16,500 की स्ट्राइक पर 28.74 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट है।
17200 की स्ट्राइक पर पुट राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 50,650 कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 16,700 पर भी 32,150 कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं। जबकि 16,600 पर 23,350 कॉन्ट्रैक्ट जुड़े हैं।
17300 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 17000 और फिर 17400 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग रही।
हाई डिलिवरी परसेंटेज वाले शेयर
इनमें टीसीएस, आईसीआईसीआईजीआई, बीईएल, बाटा इंडिया और एचडीएफसी के नाम शामिल हैं। हाई डिलिवारी परसेंटेज इस बात का संकेत होता है कि निवेशक उन शेयरों में रुचि दिखा रहे हैं।
FII और DII आंकड़े
15 दिसंबर को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,407.04 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,553.01 करोड़ रुपए की खरीदारी की।
NSE पर F&O बैन में आने वाले शेयर
16 दिसंबर को NSE पर सिर्फ 3 स्टॉक F&O बैन में हैं। इसमें Escorts, Indiabulls Housing Finance और Vodafone Idea के नाम शामिल हैं। बताते चलें कि F&O सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स को उस स्थिति में बैन कैटेगरी में डाल दिया जाता है, जिसमें सिक्योरिटीज की पोजीशन उनकी मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है।