Auto Stocks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को टैरिफ रेट का ऐलान कर दिया। इसके झटके से ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयर कांप गई। हुंडई और टाटा मोटर्स जैसे दिग्गज भी बुरी तरह झुलस गए हैं। इनके शेयर ढाई फीसदी तक टूटे हैं। ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका के बाहर बनी गाड़ियों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा। इस ऐलान पर हुंडई के शेयर 2 फीसदी से अधिक टूटकर ₹1,643 और टाटा मोटर्स करीब 2 फीसदी टूटकर ₹660.45 पर आ गए। ऑटो शेयरों में बिकवाली के चलते निफ्टी ऑटो इंडेक्स करीब एक फीसदी टूट गया और इसके 15 में से सिर्फ दो स्टॉक्स- आयशर मोटर्स (Eicher Motors) और मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ही आज रेड से ग्रीन जोन में आ पाए हैं, लेकिन बढ़त मामूली ही है।
Tata Motors को Trump Tariff से सबसे अधिक झटका
ट्रंप के ऐलान का सबसे अधिक झटका टाटा मोटर्स पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि इसकी लग्जरी सब्सिडरी जगुआर लैंड रोवर (JLR) के लिए अमेरिकी मार्केट काफी अहम है। जेएलआर ने वित्त वर्ष 2024 में दुनिया भर में 4 लाख यूनिट्स की बिक्री की थी जिसमें 23 फीसदी की बिक्री तो अकेले अमेरिका में हुई थी। फिज्डम के रिसर्च हेड नीरव करकेरा के मुताबिक मार्जिन बनाए रखने और गाइडेंस को लेकर कंपनी के पास विकल्प सीमित हैं तो यह कीमतों में बढ़ोतरी और लागत को कम से कम रखने की कोशिश करेगी।
हालांकि नीरव के मुताबिक इन स्ट्रैटेजीज से तुरंत रिजल्ट नहीं मिलेगा और नियर टर्म में तो रेवेन्यू और मुनाफे, दोनों को झटका लगेगा। मनीकंट्रोल से बातचीत में मोतीलाल ओसवाल के रिसर्च और वेल्थ मैनेजमेंट प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि टैरिफ के हिसाब से अगर जेएलआर आनुपातिक रूप से कीमतें बढ़ाती है, तो रेवेन्यू पर असर कम पड़ेगा लेकिन अगर ऊंची कीमतों के चलते मांग गिरती है, तो सेल्स वॉल्यूम और मार्जिन, दोनों पर असर पड़ेगा।
ट्रंप ने पूर्व की अमेरिकी सरकारों को ठहराया जिम्मेदार
टैरिफ का ऐलान करते समय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका से यूरोपीय संघ 10 फीसदी से अधिक टैरिफ वसूलता है, और 20 फीसदी वैट है, जो बहुत अधिक है। वहीं भारत 70 फीसदी टैरिफ लेता है या सबसे बुरा है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया और जापान समेत कई अन्य देशों ने नॉन-मॉनिटरी प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप ने कहा कि दक्षिण कोरिया में बिकने वाली 81% कारें जापान में बनाई जाती हैं और जापान में बिकने वाली 94% कारें जापान में बनाई जाती हैं तो दूसरी तरफ टोयोटा अमेरिका में दस लाख विदेशी गाड़ियां बेचती है और जनरल मोटर्स लगभग नहीं के बराबर बेचती है। फोर्ट बहुत कम बेचती है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को दूसरे देशों में बेचने की इजाजत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कारोबार के मुकाबले दुश्मन से बदतर दोस्त होते हैं। ट्रंप का आरोप है कि भयानक असंतुलन ने अमेरिका के औद्योगिक आधार को तबाह कर दिया है और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस स्थिति के लिए बाकी देशों को बिल्कुल भी दोषी नहीं मानते बल्कि इसके लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और नेता दोषी हैं जो अपना काम नहीं कर रहे थे, उन्होंने इस हद तक ऐसा होने दिया जिस पर कोई भरोसा नहीं कर सकता।