भारत को लेकर ट्रंप की तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने अब भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ बम फोड़ा है। जानकार ट्रंप के इन कदमों को सौदेबाजी की ट्रिक (PRESSURE TACTICS) के तौर पर देख रहे हैं। व्हाइट ओक के फाउंडर प्रशांत खेमका का मानना है ट्रंप का आक्रामक रवैया सौदेबाजी के लिए है। IT सेक्टर को लेकर वो थोड़ा सतर्क नजर आए। सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल से हुई खास बातचीत में प्रशांत खेमका ने कहा कि ट्रंप भारत को ट्रेड डील करने के लिए दबाव बना रहे हैं। ट्रंप का ये आक्रामक रवैया सौदेबाजी के लिए है।
इस बातचीत में प्रशांत खेमका ने आगे कहा कि US में हमारे ऑटो और इंडस्ट्रियल सेक्टर का बहुत बड़ा एक्सपोजर नहीं है। ट्रंप टैरिफ का टेक्सटाइल सेक्टर पर असर पड़ सकता है। टेक्सटाइल सेक्टर को बचाने के लिए सरकार के कदमों का इंतजार है। ट्रंप टैरिफ का कम लेबर और हाई कैपेक्स वाले सेक्टर पर असर संभव है। फार्मा पर टैरिफ बढ़ाने का US में ही बुरा असर पड़ेगा। US में इस्तेमाल होने वाली दवाओं में से 40-50 फीसदी भारत में मैन्युफैक्चर होती हैं। फार्मा में टैरिफ बढ़ा तो US में दवाएं बहुत महंगी होंगी।
प्रशांत खेमका ने आगे कहा कि IT सेक्टर को लेकर सतर्क नजरिया अपनाने की जरूरत है। लार्जकैप IT कंपनियों में दिक्कतें है। इकोनॉमी और AI की वजह से भी पूरे IT सेक्टर में अनिश्चितता बढ़ी है। IT पर टैरिफ की वजह से दबाव नहीं है। IT के टेक्नोलॉजी वर्टिकल में डिमांड सुस्त है। मिडकैप IT कंपनियों ने इस माहौल में अच्छा किया है। मिडकैप IT कंपनियों का मार्केट शेयर बढ़ा है। प्रशांत खेमका ने बताया कि न्यू एज टेक्नोलॉजी शेयरों में इस समय ज्यादा निवेश है। मिडकैप IT में काफी निवेश है। वहीं, लॉर्जकैप में ना के बराबर निवेश है।
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