Trump Tariff: बदल गए हैं बाजार के हालात, आपको भी बदलनी होगी अपनी इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे कुछ समय तक मार्केट पर दबाव बना रहेगा। यह खरीदारी का मौका होगा। इंडिया और अमेरिका में ट्रेड डील को लेकर बातचीत जारी रहेगी। ऐसे में उम्मीद है कि अमेरिका इंडिया पर टैरिफ में कमी करेगा, क्योंकि दोनों देशों के हित एक दूसरे से जुड़े हैं

अपडेटेड Jul 31, 2025 पर 5:13 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटेल इनवेस्टर्स को गिरावट के डर से बिकवाली करने से बचना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को इंडिया पर 25 फीसदी टैरिफ और पेनाल्टी लगाने का ऐलान किया। इसका असर 31 जुलाई को मार्केट पर पड़ा। मार्केट सुबह में बड़ी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 600 प्वाइंट्स क्रैश कर गया, जबकि निफ्टी 185 प्वाइंट्स लुढ़का। हालांकि, दोपहर बाद बाजार काफी हद तक संभलने में कामयाब रहा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैरिफ का असर मार्केट्स पर बने रहने की उम्मीद है।

ट्रंप अपने फैसले से पीछे हटते रहे हैं

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी नीलेश शाह ने कहा, "अमेरिका में पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता के बावजूद मार्केट को लंबी अवधि में डील हो जाने की उम्मीद थी, क्योंकि इंडिया और अमेरिका के रणनीतिक हित एक दूसरे से जुड़े है। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो मार्केट 'TACO'ट्रेड की उम्मीद करेगा...मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि इस एकतरफा कदम के बाद इंडिया में सरकार ग्रोथ बढ़ाने के उपायों पर फोकस करेगी। हमारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम जीडीपी का आकार और प्रतिस्पर्धी क्षमता है।" यहां TACO का मतलब-ट्रंप ऑलवेज चिकेंस आउट है। इसका मतलब अपने उठाए गए कदम से अक्सर पीछे हट जाना होता है। ट्रंप ऐसा करते रहे हैं।


मार्केट में तेज गिरावट खरीदारी का मौका

कई एक्सपर्टस का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से स्टॉक मार्केट में तेज गिरावट खरीदारी का मौका हो सकती है। रिटेल इनवेस्टर्स लंबी अवधि के अपने फाइनेंशियल टारगेट को पूरा करने के लिए इस गिरावट में सस्ते भाव पर खरीदारी कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटेल इनवेस्टर्स को बिकवाली करने से बचना चाहिए। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफायड बनाए रखना चाहिए। अट्रैक्टिव कीमत पर खरीदारी के मौके का इस्तेमाल करना चाहिए।

ट्रंप बाद में टैरिफ में कर सकते हैं कमी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत को लेकर ट्रंप के आक्रामक रुख के बावजूद अमेरिका और भारत में ट्रेड डील को लेकर बातचीत जारी रहेगी। उम्मीद है कि आखिर में टैरिफ कम करने को अमेरिका तैयार होगा। लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर राघवेंद्र नाथ ने कहा, "इंडियन इकोनॉमी और इसकी संभावनाएं अच्छी बनी हुई हैं। इसलिए रिटेल इनवेस्टर्स को सिर्फ एक निगेटिव खराब से जल्दबाजी में कदम नहीं उठाना चाहिए। बाजार में तेज गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना होगा। ऐसे रिटेल इनवेस्टर्स जिनके पास कैश है वे एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।"

डायवर्सिफिकेशन पर फोकस बनाए रखने की जरूरत

सेरेनिटी वेल्थ के फाउंडर आशीष खेतान ने कहा, "रिटेल इनवेस्टर्स को खुद से यह पूछना होगा कि उनका पोर्टफोलियो कितना डायवर्सिफायड है। न सिर्फ यह सेक्टर के हिसाब से डायवर्सिफायड होना चाहिए बल्कि कुछ निवेश ग्लोबल कंपनियों में भी होना चाहिए। 5-10 फीसदी डायवर्सिफिकेशन के बारे में सोचा जा सकता है।"

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ग्लोबल मार्केट्स में भी कुछ निवेश करने में फायदा

रिटेल इनवेस्टर्स इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स में निवेश के बारे में सोच सकते हैं। 30 जून, 2025 को इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों के विदेशी कंपनियों में निवेश की वैल्यू 58,000 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स गिफ्टी सिटी में स्थित ऑफशोर फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए डीएसपी एसेट मैनेजर्स की इकाई डीएसपी आईएफएससी ने हाल में डीएसपी ग्लोबल इक्विटी फंड लॉन्च किया है।

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