Trump tariffs : ट्रंप टैरिफ के एलान से फार्मा सेक्टर का मूड खराब है। आज निफ्टी फार्मा इंडेक्स करीब दो परसेंट टूटा है। आखिर, फार्मा पर टैरिफ का भारतीय कंपनियों पर कितना असर होगा। किन कंपनियों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती है। पूरी एनालिसिस के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने बताया कि ट्रंप ने फार्मा प्रोडक्ट पर 1 अक्टूबर से 100 फीसदी टैरिफ का एलान किया है।
ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मा प्रोडक्ट पर 100 फीसदी टैरिफ लगेगा। हालांकि US में मैन्युफैक्चरिंग करने पर टैरिफ नहीं लगेगा।
फार्मा टैरिफ: भारत पर क्या असर?
भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका बड़ा मार्केट है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत से US को 3.7 अरब डॉलर का फार्मा एक्सपोर्ट हुआ था। फार्मा एक्सपोर्ट में अमेरिका हिस्सा 40 फीसदी है।
फार्मा टैरिफ: क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फार्मा टैरिफ पर एक्सपर्ट का कहना है कि इससे भारत पर टैरिफ का सीमित असर होगा। जेनेरिक दवा पर अभी टैरिफ नहीं लगाया गया है। जेनेरिक दवा कंपनियों के लिए पॉलिसी रिस्क है। इनकी US में सस्ती हेलकेयर देने में अहम भूमिका है। भारतीय दवाएं US के मुकाबले 35-40 फीसदी सस्ती हैं।
टैरिफ का रिस्क: सन फार्मा पर ज्यादा असर
अमेरिकी टैरिफ से सन फार्मा पर ज्यादा असर होगा। कंपनी के स्पेशलिटी पोर्टफोलियो बिक्री में US का हिस्सा 19 फीसदी है। यूएस टैरिफ से सन फार्मा के मार्जिन और सेल्स पर असर पड़ सकता है।
US में Cipla, Dr Reddys Labs और Lupin की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। इस कंपनियों पर यूएस टैरिफ का बहुत ही कम असर होगा। कंपनियों की कमाई में अमेरिकी कारोबार के योगदान की बात करें तो GLAND PHARMA की आय में अमेरिकी बिक्री की हिस्सेदारी 50 फीसदी है। वहीं, AUROBINDO PHARMA की कमाई में अमेरिका से होने वाले कारोबार की हिस्सेदारी 48 फीसदी है। DR REDDY'S LABS की आय में अमेरिकी में होने वाले एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी 47 फीसदी है। ZYDUS LIFE की आय में अमेरिकी कारोबार की हिस्सेदारी 46 फीसदी है। वहीं, LUPIN का कमाई में अमेरिका का योगदान 37 फीसदी है। इसी तरह SUN PHARMA के रेवेन्यू में अमेरिका का योगदान 32 फीसदी है। वहीं, CIPLA की आय में अमेरिका में होने वाली बिक्री की हिस्सेदार 29 फीसदी है।