अमेरिकी डॉलर, शुक्रवार को 6 विदेशी मुद्राओं के बॉस्केट मुकाबले एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। दूसरी तरफ यूरो एक साल के शिखर पर पहुंच गया। महंगाई के ठंडे पड़ने के संकेत के साथ ही अब ट्रेडर्स को इस बात की ज्यादा उम्मीद दिख रही है कि यूएसफेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगा सकता है। इसके साथ फेड आगे ब्याज दरों में कटौती भी कर सकता है। इस उम्मीद के चलते ही डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है।
प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स में भारी गिरावट
अमेरिकी श्रम विभाग के गुरुवार को आए आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने देश का प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा गिरा है। महंगाई के आंकड़ों में गिरावट की खबर के एक दिन बाद ही प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स में भी गिरावट की खबर आई है। ऐसे में ट्रे़डर्स को लगता है कि अब फेड ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेट हाइक पर रोक लगा सकता है। इन आंकड़ों के बाद शुक्रवार को डॉलर इंडेक्स 100.78 के स्तर पर फिसल गया जो इसका करीब 1 साल का निचला स्तर है।
डॉलर के मुकाबले यूरो एक साल के नए हाई पर
इस बीच, यूरो गुरुवार के अपने पिछले हाई को पार करते हुए 1.1075 डॉलर के अपने एक साल के नए हाई पर पहुंच गया। नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक में एफएक्स रणनीति के प्रमुख रे एट्रिल का कहना है कि डॉलर के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करने का सबसे आसान तरीका यूरो के साथ जाना है।"
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के यूएस प्रोड्युसर प्राइस इंडेक्स में आई भारी गिरावट के चलते तमाम बाजार जानकारों को लगता है कि अब यूएस फेड को जल्द ही ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती पर लगाम लगाना पड़ेगा और इस साल के अंत तक ऐसा होता दिख सकता है। इसी तरह गुरुवार को ब्रिटिश पाउंड भी 1.2545 डॉलर के अपने 10 महीने के हाई पर पहुंचता नजर आया।
दिसंबर तक यूएस फेड की दरें 4.3% पर रहने की उम्मीद
मुद्रा बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बात 69 फीसदी उम्मीद है कि यूएस फेड अगले महीने होने वाली अपनी मीटिंग में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढोतरी कर सकता है। हालांकि इनका यह भी मानना है कि जुलाई से लेकर इस साल के अंत तक हमें ब्याज दरों में कटौती भी होती नजर आ सकती है। इनका मानना है कि दिसंबर तक यूएस फेड की दरें 4.3 फीसदी रह सकती है।
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