बाजार नियामक सेबी ने जेनसॉल इंजीनियरिंग के प्रमोटर्स को कंपनी में किसी भी भी अहम पद पर रहने पर रोक लगा दिया है। सेबी ने जेनसॉल में गड़बड़ियां पाए जाने पर ऐसा किया है। अब मार्केट के जानकार विजय केडिया ने 10 अहम प्वाइंट्स का जिक्र किया है जिससे आम लोग यह समझ सकते हैं कि कोई कंपनी कैसा परफॉरमेंस कर रही है और क्या वास्तव में यह यही ट्रैक पर है या बस दिखावा ही है। यहां विजय केडिया के X (पूर्व नाम Twitter) पर दिए गए उन 10 रेड फ्लैग्स के बारे में बताया जा रहा है जो घोटाले से पहले चीख-चीखकर कंपनी की स्थिति के बारे में संकेत दे देते हैं।
कंपनियों की सेहत से जुड़े 10 रेड फ्लैग्स
ऐसी कंपनी जो बड़ी-बड़ी बातें करती है और बड़े-बड़े वादे करती है।
ऐसी कंपनी जो न्यूज कवरेज,अधिक से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट और लगातार इंटरव्यू के जरिए मीडिया में उपस्थिति बनाए रखती है।
ऐसी कंपनी जो छोटी-छोटी घटनाओं को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है।
ऐसी कंपनी जो अक्सर बिना यह स्पष्ट किए कि उनका इस्तेमाल कैसे होगा, फंड जुटाती हैं।
सिर्फ रुझानों का फायदा उठाने के लिए असंबंधित कारोबार में एंट्री करना।
बिना वास्तविकता के सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए दिखावा करना।
कंपनी के परफॉरमेंस की तुलना में प्रमोटर्स की अधिक शाही जीवनशैली का दिखावा।
प्रमोटर के होल्डिंग का बड़ी संख्या में गिरवी होना।
सीएफओ, ऑडिटर्स और सीएक्सओ जैसे अहम पदों से ताबड़तोड़ इस्तीफे।
रिलेटेड पार्टी से जुड़ी ढेर सारे ट्रांजैक्शन में शामिल होना।
कई Gensol अभी भी हैं मार्केट में
जेनसॉल के शेयर पिछले साल फरवरी 2024 में रिकॉर्ड हाई पर थे और इस रिकॉर्ड हाई से अब तक यह 91 फीसदी से अधिक नीचे आ चुका है यानी कि निवेशकों की इसने 91 फीसदी से अधिक पूंजी डुबो दी है। विजय केडिया का मानना है कि अभी भी कई ऐसे जेनसॉल हैं जिनका खुलासा नहीं हुआ है तो ऐसे में उन्होंने ऐसी कंपनियों को पहचाने के 10 सूत्र दिए हैं लेकिन यह भी कहा कि सिर्फ यही 10 सूत्र नहीं हैं बल्कि और भी हो सकते हैं। उन्होंने निवेशकों को सतर्क रहने को कहा है।