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Vodafone के शेयरों के रफ्तार पकड़ने की वजह से अटक सकता है कंपनी का फंड जुटाने का प्लान

वोडाफोन आइडिया के शेयरों में पिछले 6 महीने से चल रही तेजी की वजह से इस कंपनी में फंड डालने की प्रक्रिया अटक गई है। वोडाफोन-आइडिया फिलहाल कैश संकट से जूझ रही है। कंपनी ने अपनी हालिया फाइलिंग में फंड डालने की समयसीमा दिसंबर बताई थी। हालांकि, शेयरों में तेजी की वजह से फंड को लेकर बातचीत अटक गई है।

अपडेटेड Dec 28, 2023 पर 2:51 PM
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फंड जुटाने को लेकर कंपनी की निवेशकों से बातचीत जारी है, लेकिन इस बातचीत के नतीजे मुख्य तौर पर कंपनी की बिजनेस परफॉर्मेंस पर निर्भर करेंगे।

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयरों में पिछले 6 महीने से चल रही तेजी की वजह से इस कंपनी में फंड डालने की प्रक्रिया अटक गई है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर यह जानकारी दी है। वोडाफोन-आइडिया फिलहाल कैश संकट से जूझ रही है। कंपनी ने अपनी हालिया फाइलिंग में फंड डालने की समयसीमा दिसंबर बताई थी। हालांकि, शेयरों में तेजी की वजह से फंड को लेकर बातचीत अटक गई है।

एक सूत्र ने बताया, 'पिछले 6 महीनों में कंपनी का स्टॉक तकरीबन 80 पर्सेंट तक चढ़ चुका है और इस वजह से कन्वर्टिबल स्ट्रक्चर के माध्यम से फंड जुटाना मुश्किल हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी के शेयरों में मौजूदा तेजी की वजह फंड जुटाने की खबर ही है।' कन्वर्टिबल स्ट्रक्चर में आम तौर पर डेट और इक्विटी, दोनों होते हैं और निवेशकों द्वारा तय रकम का भुगतान किया जाता है। साथ ही, पहले से तय कीमत पर डेट को इक्विटी में भी कन्वर्ट करने की बात होती है।

आम तौर पर इस तरह के ट्रांजैक्शन में प्राइवेट क्रेडिट फंड्स और स्पेशल सिचुएशन फंड्स की भागीदारी होती है और री-पेमेंट पीरियड औसतन दो से तीन साल का होता है। इस सिलसिले में वोडाफोन आइडिया, आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन ग्रुप को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला। एक और सूत्र ने बताया, 'मौजूदा तेजी की वजह से निवेशकों को लग रहा है कि निवेश के बाद निश्चित समयसीमा में कंपनी के शेयरों में तेजी नहीं रहेगी। इसके अलावा, प्रमोटर्स- आदित्य बिड़ला ग्रुप और ब्रिटेन का वोडाफोन ग्रुप लेंडर्स को कॉरपोरेट गारंटी के तौर पर अतिरिक्त कोलैटरल भी देने तैयार नहीं है।'


चुनौतीपूर्ण समय

फंड जुटाने को लेकर कंपनी की निवेशकों से बातचीत जारी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बातचीत के नतीजे मुख्य तौर पर कंपनी की बिजनेस परफॉर्मेंस पर निर्भर करते हैं। कंपनी को बड़े पैमाने पर अपना मार्केट शेयर गंवाना पड़ा है। इस कैलेंडर ईयर में वोडाफोन के ग्राहकों की संख्या में लगातार 9वें महीने गिरावट हुई है। सितंबर के दौरान कंपनी के 7.5 लाख मोबाइल कस्टमर कम हो गए। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ने सितंबर में 34.7 लाख ग्राहक जोड़े, जबकि एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 13.2 लाख तक बढ़ गई है।

वोडाफोन ने अपने बिजनेस रिवाइवल प्लान के तहत जून में कुल 14,000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव पेश किया था। इसमें 7,000 करोड़ रुपये कंपनी में फ्रेश इक्विटी के तौर पर और अन्य 7,000 करोड़ रुपये डायरेक्ट इक्विटी या कन्वर्बिटल स्ट्रक्चर के जरिये जुटाने की बात थी। सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया का नेट लॉस बढ़कर 8,737.9 रहा था, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी का नुकसान 7,595.5 करोड़ रुपये था।

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