Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एजीआर (एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू) से जुड़ी वोडा आइडिया की याचिका पर लिखिति आदेश सुनाया तो इसके शेयर धड़ाम हो गया। कुछ दिनों पहले पॉजिटिव आउटकम की उम्मीदों पर एक अरसे बाद इसका शेयर ₹10 के पार गया था लेकिन अब यह ₹9 के भी नीचे है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसके शेयर आज 12% से अधिक टूट गए। निचले स्तर पर खरीदारी के बावजूद शेयर संभल नहीं पाया और अब भी यह काफी दबाव में है। आज बीएसई पर यह 6.83% की गिरावट के साथ ₹8.73 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 12.38% फिसलकर ₹8.21 के भाव तक आ गया था। कुछ दिनों पहले 27 अक्टूबर को यह ₹10 के पार ₹10.57 तक गया था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। 14 अगस्त 2025 को यह एक साल के निचले स्तर ₹6.12 पर था।
Voda Idea की याचिका पर क्या आदेश दिया है सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 27 अक्टूबर को केंद्र सरकार को वोडाफोन फोन की एजीआर बकाए को लेकर फिर से विचार करने की मंजूरी दी थी, जिससे शेयर चहक उठे थे। हालांकि अब आज गुरुवार 30 अक्टूबर को कोर्ट के लिखित आदेश में सामने आया कि विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के चलते यह आदेश सिर्फ वोडा आइडिया से जुड़ा है और याचिका सिर्फ ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त एजीआर मांग तक ही सीमित है। आदेश में वोडा आइडिया की पिछली याचिका का जिक्र नहीं है जिसमें जुर्माना ब्याज और बकाया के ब्याज पर पेनाल्टी माफ करने की मांग की गई थी। इससे स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ अतिरिक्त राशि के फिर से मूल्यांकन की बात कही थी।
क्या कहना है ब्रोकरेज फर्म का?
घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल फाइनेंस का इस पूरे मामले को लेकर कहना है कि केंद्र सरकार और वोडाफोन आइडिया को स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश से यह उलझन हो गई है कि क्या केंद्र सरकार को वोडा आइडिया के एजीआर के फिर से मूल्यांकन की बात सिर्फ ₹9,450 करोड़ की अतिरिक्त एजीआर मांग पर लागू है या ₹80,000 करोड़ के मूल एजीआर देनदारी पर भी लागू है? ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि आगे का रास्ता यही होगा कि केंद्र सरकार और वोडाफोन आइडिया इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगें और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्पष्टता न होने तक वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर्स के शेयरों में कमजोरी दिख सकती है।
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दो तरीके से लिया जा सकता है। एक तो ये कि सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एजीआर मांग के फिर से एसेसमेंट की बात कही है और केद्र सरकार चाहे तो पूरी एजीआर डिमांड पर यह काम कर सकती है। वहीं ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक दूसरी बात ये हो सकती है कि सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ अतिरिक्त एजीआर डिमांड को लेकर ही फिर से एसेसमेंट को कहा है। इसे ही लेकर उलझन की स्थिति ने वोडा आइडिया के शेयरों पर दबाव बनाया है।
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