वारी एनर्जीज के शेयर 28 अक्टूबर को इश्यू प्राइस के मुकाबले 70 फीसदी प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए। पिछले हफ्ते हुंडई मोटर के शेयरों की लिस्टिंग कमजोर हुई थी। 10 दिन से कम समय के अंदर दो बड़ी कंपनियों के शेयरों की लिस्टिंग अलग-अलग तरह से हुई। एनर्जी सेक्टर में निवेशकों की अच्छी दिलचस्पी है। इसका अंदाजा वारी एनर्जीज के आईपीओ के सब्सक्रिप्शन के डेटा से मिला था। हुंडई के आईपीओ को निवेशकों का कमजोर रिस्पॉन्स मिला था।
स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग
वारी एनर्जीज (Waaree energies) का शेयर 1,503 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 69.66 फीसदी प्रीमियम के साथ बीएसई पर 2,550 रुपये पर लिस्ट हुआ। इससे पता चलता है कि निवेशकों को कंपनी की अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। उधर, पिछले हफ्ते हुंडई मोटर (Hyundai Motor) का आईपीओ थोड़े डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ था। कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस के मुकाबले बीएसई पर 1.47 फीसदी डिस्काउंट के साथ 1,931 रुपये पर लिस्ट हुआ था।
28 अक्टूबर को लिस्टिंग के बाद वारी एनर्जीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 67,866 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उधर, पिछले हफ्ते लिस्ट होने वाली हुंडई मोटर का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1,47,914.98 करोड़ रुपये है। 28 अक्टूबर को हुंडई के शेयरों में गिरावट आई। यह 1.88 फीसदी गिरकर 1,809 रुपये पर बंद हुआ। लिस्टिंग के बाद भी हुंडई के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी देखने को नहीं मिली है।
वारी एनर्जीज ने पिछले कुछ सालों में अच्छी ग्रोथ दिखाई है। इसके ऑपरेशनल रेवेन्यू का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) FY22 से FY24 के बीच 99.8 फीसदी रहा है। इस दौरान कंपनी का प्रॉफिट 79.6 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,274.3 करोड़ रुपये हो गया है। उधर, हुंडई का प्रॉफिट FY24 में 6,060 करोड़ रुपये रहा। यह एक साल पहले के मुकाबले 28.7 फीसदी ग्रोथ है। कंपनी का रेवेन्यू भी 15.8 फीसदी बढ़कर 69,829 करोड़ रुपये हो गया। हुंडई ने इंडियन ऑटो मार्केट में अपनी मजबूत पैठ बनाई है।
वारी एनर्जीज को रिन्यूएबल एनर्जी पर बढ़ते फोकस का फायदा मिलेगा। कंपनी विस्तार पर फोकस कर रही है। उधर, सरकार की PLI स्कीम का फायदा भी इसे मिलेगा। कंपनी को सोलर एनर्जी सॉल्यूशंस के घरेलू और ग्लोबल डिमांड का लाभ मिलेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी के लिए लंबी अवधि में अच्छी संभावनाएं दिखती हैं। उधर, हुंडई को लेकर रास्ता थोड़ा मुश्किल दिख रहा है। कारों की बिक्री सुस्त पड़ने के संकेत मिले हैं। अप्रैल से सितंबर के दौरान हुंडई की सेल्स में साल दर साल आधार पर पर 2.6 फीसदी गिरावट देखन को मिली है। ऑटो सेक्टर का प्रदर्शन इकोनॉमी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
आनंदराठी में फंडामेंटल रिसर्च के हेड नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि वारी एनर्जीज के लिए लंबी अवधि में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। कंपनी को सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी पर बढ़ते फोकस का लाभ मिलेगा। लेकिन, मेहता इक्विटीज में रिसर्च के वीपी प्रशांत तापसे की राय अलग है। उन्होंने कहा है कि लिस्टिंग के बाद वारी एनर्जीज के शेयरों की वैल्यूएशन बहुत बढ़ गई है। ऐसे में इसमें प्रॉफिट बुकिंग की जा सकती है।
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स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट सागर शेट्टी का कहना है कि निवेशकों को हुंडई के शेयरों में निवेश बनाए रखना चाहिए। स्वस्तिक इनवेस्टमार्ट की शिवानी न्याती का कहना है कि जो निवेशक थोड़ा रिस्क ले सकते हैं वे लंबी अवधि के लिहाज से हुंडई के शेयरों में अपना निवेश बनाए रख सकते हैं। लंबी अवधि के लिहाज से हुंडई की अच्छी ग्रोथ की उम्मीद दिख रही है।