बाजार के लिए हमें इस समय दो सबसे बड़ी चुनौतियां नजर आ रही हैं। इनमें से सबसे पहली चुनौती है मानसून के कमजोर रहने की संभावाना और दूसरी चुनौती है ग्लोबल स्तर पर बढ़ती महंगाई और इसके चलते बड़े केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीतियों में आ रही कड़ाई। अगर कम बारिश होती है तो इससे बाजार सेटीमेंट पर असर पड़ेगा। हालांकि फसलों के उत्पादन पर इसका बहुत ज्यादा निगेटिव असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि भारत के अन्न उत्पादन क्षेत्रों में वाटर टेबल लेबल काफी अच्छी स्थिति में है। यह बातें बड़ौदा पीएनपी परिबा म्युचुअल फंड (Baroda BNP Paribas Mutual Fund) के संजय चावला ( Sanjay Chawla) ने मनीकंट्रोल के साथ एक बातचीत में कही हैं।
फंड मैनेजमेंट और इक्विटी रिसर्च का 35 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले संजय चावला का कहना है कि कंपनियों के नतीजों में धीरे-धीरे मजबूती आती नजर आएगी। अर्निंग ग्रोथ के मामले में किसी खास सेक्टर का दबदबा नहीं होगा। अब आगे हमें कंपनियों के नतीजे सामान्य स्तर पर आते नजर आएंगे।
अब तक आए नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे
संजय चावला ने कहा कि 31 मार्च 2023 को खत्म हुई तिमाही के अब तक आए नतीजे कमोबेस उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं। ऐतिहासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो किसी भी तिमाही के शुरुआती नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहते है लेकिन रिजल्ट सीजन के दूसरे आधे हिस्से में हमें उतार -चढ़ाव देखने को मिलता है। चौथी तिमाही में हमें मार्जिन के मोर्चे पर कुछ अप्रत्याशित नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
खपत से जुड़े शेयरों पर दबाव
खपत से जुड़े शेयरों पर बात करते हुए संजय चावला ने कहा कि कोविड के बाद खपत में हमें असामान्य बढ़त देखने को मिली थी। जरूरी और गैर- जरूरी खपत से जुड़े सेक्टरों में अच्छी पेंटअप डिमांड रही। पर्यटन और मौज मस्ती से जुड़े सेक्टर में जोरदार मांग आई। लेकिन अब इस सेक्टर के सामने कुछ चुनौतियां नजर आ रही है। ग्रामीण मांग में सुस्ती और उच्च महंगाई दर, खपत से जुड़े सेक्टर पर दबाव बना रही है। इसके अलावा ग्लोबल स्तर पर फाइनेंशियल सिस्टम पर आई मुश्किलों और ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने भी सेटिमेंट पर निगेटिव असर डाला है। हालांकि यह सारी समस्याएं शॉर्ट टर्म के लिए है। लॉन्ग टर्म में खपत में तेजी रहने की उम्मीद है।
आईटी सेक्टर काफी अच्छे वैल्यूएशन पर, लेकिन मुश्किलें कायम
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए संजय चावला ने कहा कि इस समय आईटी सेक्टर काफी अच्छे वैल्यूएशन पर दिख रहा है। हालांकि हाल के दिनों में अमेरिका में बैंकिंग संकट के चलते आईटी सेक्टर पर दबाव देखने को मिला है। BFSI सेगमेंट आईटी सेगमेंट की कंपनियों की कमाई में सबसे अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में फाइनेंशियल सिस्टम पर कोई दबाव आईटी सेक्टर की डिमांड पर निश्चित तौर पर दबाव बनाएंगी। हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।
वेल्थ क्रिएशन का बहुत अच्छा मौका
निवेश के नजरिए से कौन से सेक्टर और थीम आ नजर आ रहे हैं अच्छे? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय इक्विटी बाजार का वैल्यूएशन अपने ऐतिहासिक एवरेज के आसपास है। कंपनियों के नतीजे पिछले 5 सालों में सबसे बेहतर रहने की उम्मीद है। ऐसे में जो लोग लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना चाहते है उनके लिए यह वेल्थ क्रिएशन का बहुत अच्छा अवसर है। ऐसे स्टॉक और सेक्टर पर नजर रखनी चाहिए जो कैपेक्स साइकिल से जुडे़ हैं। रेलवे, डिफेंस, पीएलआई स्कीम से जुड़े स्टॉक और चाइना प्लस पॉलिसी से फायदे में रहने वाले स्टॉक पर भी नजर रखनी चाहिए।
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