Western Overseas IPO Listing: विदेशी में पढ़ाई और कैरियर से जुड़ी सर्विसेज देने वाली वेस्टर्न ओवरसीज स्टडी एब्रॉड के शेयरों की आज BSE SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। हालांकि इसके आईपीओ को निवेशकों का खास रिस्पांस नहीं मिला था और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (NII) का आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था। खुदरा निवेशकों के दम पर इस आईपीओ को ओवरऑल 1.41 गुना बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹56 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी ₹54.90 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि लिस्टिंग पर उनकी 1.96% पूंजी ही घट गई। आईपीओ निवेशकों को और झटका तब लगा, जब शेयर टूट गए। टूटकर यह ₹52.16 (Western Overseas Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 6.86% घाटे में हैं।
Western Overseas IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
वेस्टर्न ओवरसीज का ₹10.07 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 4-8 दिसंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 1.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.39 गुना और खुदरा निवेशकों का आरक्षित आधा हिस्सा 2.43 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 17.98 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹3.43 करोड़ मार्केटिंग, ₹3.00 करोड़ सॉफ्टवेयर की खरीदारी और इंस्टॉलेशन, ₹2.00 करोड़ कर्ज हल्का करने और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Western Overseas के बारे में
वर्ष 2013 में बनी वेस्टर्न ओवरसीज स्टडी एब्रॉड एडुकेशनल और एमिग्रेशन एडवायजरी सर्विसेज देती है और साथ ही यह वीजा से जुड़ी सलाह भी देती है। साथ ही यह IELTS, TOEFL, PTE, CELPIP, Duolingo, LanguageCert जैसी लैंगुएज ट्रेनिंग, फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाओं के कोर्सेज और विदेशों में पढ़ाई और कैरियर के मौकों को लेकर वर्कशॉप भी कराती है। इसका कारोबार पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली और एमपी में फैला हुआ है। इसकी 12 ब्रांचेज और 1 बैक-एंड ऑफिस है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹45 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹1.19 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹2.21 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 50% की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹22.96 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में कंपनी को ₹54 लाख का शुद्ध मुनाफा और ₹4.97 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। जून 2025 तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹4.63 करोड़ का टोटल कर्ज था जबकि रिजर्व और सरप्लस में ₹2.86 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।