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Dixon Tech Share Price: नोमुरा ने सेट किया सबसे अधिक टारगेट प्राइस, फटाक से 4% से अधिक उछल गया शेयर

Dixon Tech Share Price: ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने डिक्सन टेक की खरीदारी की रेटिंग बरकरार रखा और टारगेट प्राइस बढ़ाया तो इसके शेयर रॉकेट बन गए। ब्रोकरेज फर्म ने इसमें निवेश का हाइएस्ट टारगेट प्राइस फिक्स किया है। जानिए कि डिक्सन टेक के शेयरों को लेकर नोमुरा इतना बुलिश क्यों है और इसमें निवेश के लिए टारगेट प्राइस क्या है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 27, 2025 पर 3:51 PM
Dixon Tech Share Price: नोमुरा ने सेट किया सबसे अधिक टारगेट प्राइस, फटाक से 4% से अधिक उछल गया शेयर
नोमुरा का कहना है कि भारत के मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) इंडस्ट्री में डिक्सन, डीबीजी टेक्नोलॉजी (चीन), भागवती (अनलिस्टेड), बीवाईडी (हॉन्ग कॉन्ग), यूटीएल नियोलिंस (अनलिस्टेड) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (अनलिस्टेड) का दबदबा रहेगा जिसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी डिक्सन के होने की गुंजाइश है।

Dixon Tech Share Price: घरेलू स्टॉक मार्केट में आज खरीदारी के शानदार रुझान के बीच डिक्सन टेक के शेयर 4% से अधिक उछल गए। इसके शेयरों में यह तेजी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के बुलिश रुझान पर आई जिसने इसके शेयरों के लिए हाइएस्ट टारगेट प्राइस फिक्स किया है। आज बीएसई पर यह 1.10% की बढ़त के साथ ₹14478.85 के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 4.39% उछलकर ₹14950.00 पर पहुंच गया था। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 23 जुलाई 2024 को यह एक साल के निचले स्तर ₹10,613.00 पर था जिससे तीन ही महीने में यह 80.44% उछलकर 17 दिसंबर 2024 को ₹19,149.80 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था।

Dixon Tech पर क्यों है Nomura बुलिश?

नोमुरा का कहना है कि भारत के मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) इंडस्ट्री में डिक्सन, डीबीजी टेक्नोलॉजी (चीन), भागवती (अनलिस्टेड), बीवाईडी (हॉन्ग कॉन्ग), यूटीएल नियोलिंस (अनलिस्टेड) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (अनलिस्टेड) का दबदबा रहेगा जिसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी डिक्सन के होने की गुंजाइश है। नोमुरा का कहना है कि लॉन्गचीयर के साथ ओरिजिनल डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग (ODM) पार्टनरशिप और Vivo और Transsion जैसे ग्राहकों की इक्विटी हिस्सेदारी के चलते इसमें ग्राहकों के खोने के रिस्क को कम करने में मदद मिली। इसके अलावा बैकवार्ड इंटीग्रेशन से भी इसे क्लाइंट को जोड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है। नोमुरा का कहना है कि पियर्स के मुकाबले डिक्सन ने अधिक स्पीड से नए क्लाइंट्स बनाए हैं।

इसके अलावा मार्च-मई 2025 में कंपनी की एक्सपोर्ट सेल्स करीब 4 गुना बढ़ गई जिससे संकेत मिल रहा है कि कंपनी का निर्यात सही रास्ते पर है। नोमुरा के मुताबिक अमेरिका में करीब 1 करोड़ यूनिट बेचने वाली मोटोरोला अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी के चलते चीन से भारत में अपना प्रोडक्शन शिफ्ट कर सकता है, जिसका फायदा स्थानीय ईएमएस कंपनियों को मिलेगा। मोटोरोला का भारत में आयात तेजी से बढ़ा है और अप्रैल-मई 2025 में इनके आयात का 75% हिस्सा डिक्सन से आया लेकिन पहले यह 100% पर था। यह गिरावट कैपेसिटी से जुड़ी सीमाओं के चलते आई। फिर भी मोटोराला से मंथली रेवेन्यू पहले के रिकॉर्ड हाई को पार कर चुका है, और नई कैपेसिटी के चालू होने के साथ वॉल्यूम में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। नोमुरा को उम्मीद है कि मोटोरोला का भारतीय वॉल्यूम वित्त वर्ष 2025 में 1.1 करोड़ से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर 1.6 करोड़ और वित्त वर्ष 2027 में 1.8 करोड़ पर पहुंच सकता है।

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