Mutual Fund SIP Investment: पिछले छह महीनों में भारतीय शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सितंबर 2024 से Nifty 50 में 15.65%, Nifty Midcap 100 में 21.14%, और Nifty Small Cap 100 में 23.94% की गिरावट दर्ज की गई है।
Mutual Fund SIP Investment: पिछले छह महीनों में भारतीय शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सितंबर 2024 से Nifty 50 में 15.65%, Nifty Midcap 100 में 21.14%, और Nifty Small Cap 100 में 23.94% की गिरावट दर्ज की गई है।
इस गिरावट का असर म्यूचुअल फंड्स पर भी पड़ा है। फरवरी 2025 में म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। ICRA Analytics के अनुसार, फरवरी में ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 26.17% घटा। वंहीं, कुल म्यूचुअल फंड इनफ्लो जनवरी के ₹1.87 लाख करोड़ से गिरकर ₹40,063 करोड़ रह गया, यानी 78.64% की भारी गिरावट।
म्यूचुअल फंड में निवेश घटने की वजह?
शेयर मार्केट में जब भी बड़ा करेक्शन होता है, तो निवेशकों का भरोसा कुछ कमजोर हो जाता है। आर्थिक अनिश्चितता के चलते दुनियाभर में शेयर बाजार में गिरावट आई और भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते भी कुछ सेक्टर दबाव में रहे। इस दौरान डिफेंस जैसे प्रमुख सेक्टर ने भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। इन सबके चलते निवेशकों का भरोसा डगमगाया और उन्होंने म्यूचुअल फंड में निवेश घटा दिया।
स्मॉल और मिड-कैप फंड्स पर सबसे ज्यादा असर
फरवरी में स्मॉल और मिड-कैप फंड्स से निवेशकों ने बड़ी संख्या में पैसा निकाला।
हालांकि, सालाना आधार पर देखें तो स्मॉल-कैप फंड्स में 27.37% और मिड-कैप फंड्स में 88.42% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
म्यूचुअल फंड निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार की अस्थिरता के बावजूद निवेशकों को अनुशासित होकर अपनी निवेश रणनीति पर डटे रहना चाहिए। ICRA Analytics के मार्केट डेटा हेड अश्विनी कुमार के अनुसार, जब बाजार अस्थिर होते हैं, तो निवेशक लार्ज-कैप फंड्स की ओर रुख करते हैं, क्योंकि इनमें मजबूत बैलेंस शीट और स्थिर ग्रोथ होती है।
एक्सपर्ट का मानना है कि निवेशकों को सही एसेट एलोकेशन और लॉन्ग-टर्म रणनीति बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि बाजार में गिरावट के बाद आमतौर पर तेज रिकवरी आती है।
SIP निवेशकों के लिए कितना कारगर?
SIP (Systematic Investment Plan) लंबे समय में निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। फरवरी में SIP इनफ्लो ₹25,999 करोड़ था, जो जनवरी के ₹26,400 करोड़ से थोड़ा कम था। PGIM India AMC के CIO अनिरुद्ध नाहा के अनुसार, "मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में गिरावट के बावजूद, आगे रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा मौका है, जो अगले 6 महीने में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं।"
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