Where to invest now: ऑफिस से काम यानी 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' को धीरे-धीरे हर कंपनी अनिवार्य करती जा रही है। इसके अलावा SEZ (स्पेशल इकनॉमिक जोन) के तहत वैकेंसीज कम होती जा रही हैं तो रियल एस्टेट से जुड़े इंवेस्टमेंट में आकर्षक मौके बन रहे हैं। ये बातें 7 मार्च को मुंबई में रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) पर आयोजित मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट में इंडस्ट्री के दिग्गजों ने कही। माइंडस्पेस रीट के सीईओ रमेश नायर का कहना है कि वर्ष 2020 में महज 10 फीसदी से बढ़कर वर्क फ्रॉम ऑफिस अब 80 फीसदी पर पहुंच चुका है। इसके अलावा सरकार की नीतियों के चलते SEZ की वैकेंसीज भी कम हो रही हैं। ऐसे में ऑफिसों के किराए में रिकवरी के आसार हैं तो निवेशक के तौर पर इस रिकवरी को भुनाने का अच्छा मौका है।
REIT में कहां-कहां निवेश का मौका?
एंबेसी रीट (Embassy REIT) के सीईओ रित्विक भट्टाचार्य का कहना है कि भारत में कॉमर्शियल रियल एस्टेट साइकिल अभी शुरुआती अवस्था में ही है और इसने ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं। इस स्पेस में सबसे अच्छी ग्रोथ ऑफिस में ही बनी रहेगी। भारत में ऑफिस से किराया अब भी काफी आकर्षक है। इसके बाद डेटा सेंटर्स, लॉजिस्टिक्स और वैल्यू-एडेड सर्विसेज भी अच्छा मौका बना रहे हैं। ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज के एमडी और सीईओ आलोक अग्रवाल का कहना है कि पिछले 9-12 महीने में अकुपेंसीज 90 फीसदी से उछलकर 90 फीसदी से अधिक हो गई और शॉर्ट, मीडियम, लॉन्ग टर्म में रीट्स के लिए समय अच्छा दिख रहा है। आलोक के मुताबिक रीट का एयूएम अभी रियल एस्टेट मार्केट का सिर्फ 10-12 फीसदी है लेकिन अगले 15-20 वर्षों में यह 15-20 गुना बढ़ सकता है।
आखिर क्यों है REITs इतना आकर्षक?
आलोक के मुताबिक निवेशकों को महसूस हो गया है कि ऑफिसों का कोई विकल्प है ही नहीं यानी कि विकल्पहीनता ने निवेश के लिए इसे आकर्षक बना दिया है। कोरोना महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा था लेकिन अब फिर ऑफिस लौटने का कल्चर आया है तो इसके चलते रीट्स भी आकर्षक हो गए हैं। रित्विक ने निवेशकों को सलाह दी है कि अपने पोर्टफोलियो को डाईवर्सिफाई करें और रीट में भी पैसे डालें क्योंकि ये हाई-डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स की तरह हैं।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल निवेश के लिए कोई सलाह नहीं देता है। यहां दी गई डिटेल्स महज जानकारी के लिए है। कहीं भी निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें।