आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। चीन के नए AI मॉडल DeepSeek के लॉन्च के बाद न केवल टेक्नोलॉजी शेयरों, बल्कि एनर्जी शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखी गई है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? शेयर बाजार में पिछले 2 सालों में जो शानदार तेजी आई थी, उसकी अगुआई एनवीडिया (Nvidia) जैसी अमेरिका की 7 सबसे बड़ी टेक कंपनियों ने की थी। इन कंपनियों को 'मैग्निफिसेंट सेवन' के नाम से भी जाना जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी तेजी भी इन्हीं अमेरिकी कंपनियों में शुरू हुई और दुनिया भर के निवेशकों ने इस लहर पर सवार होने के लिए इन कंपनियों पर दांव लगाए गए। इसके चलते इनका वैल्यूएशन आसमान छूने लगा था। हालांकि अब चीन ने कम लागत और एनर्जी खपत करने वाले AI मॉडल, DeepSeek को लॉन्च करने इन 'मैग्निफिसेंट सेवन'कंपनियों को भारी झटका दिया है।
एनवीडिया जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के शेयरों में 17 प्रतिशत तक की भारी गिरावट आई और उन्होंने मार्केट वैल्यू एक झटके में सैकड़ो अरब डॉलर घट गई। DeepSeek के लॉन्च होने से सिर्फ आईटी और सेमीकंडक्टर ही नहीं, बल्कि पावर और एनर्जी सेक्टरों में शेयरों में भी तगड़ी गिरावट देखने को मिली।
DeepSeek के लॉन्च होने से पावर शेयरों में क्यों हुई बिकवाली?
एनालिस्ट्स का कहना है कि जैसे-जैसे AI का इस्तेमाल बढ़ता जाएगा, इन डेटा सेंटर को चालू रखने के लिए बिजली की मांग भी कई गुना बढ़ जाएगी। बार्कलेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज के समय में अमेरिका की बिजली खपत का करीब 3.5 प्रतिशत हिस्सा डेटा सेंटर्स पर खर्च होता है और 2030 तक इस आंकड़े के बढ़कर 9 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में डेटा सेंटर इस समय कुल बिजली का करीब 1-2 प्रतिशत खपत करते हैं, लेकिन 2030 तक यह प्रतिशत शायद 3-4 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। बिजली की इस मांग को पूरा करने के लिए अभी जितना बिजली उत्पादन हो रहा है, उससे अधिक बिजली की जरूरत होगी। इसलिए तेजी से ग्रिड विस्तार और बढ़ी हुई क्षमता की जरूरत होगी।
इसीलिए, एनर्जी सेक्टर के निवेशक रिन्यूएबल एनर्जी और न्यूक्लियर पावर जैसे विकल्पों पर दांव लगा रहे थे। लेकिन DeepSeek ने इस समीकरण को बदल दिया है। यह नया AI मॉडल न केवल अपने प्रतिद्वंदियों से बेहतर है, बल्कि यह बाकियों के मुकाबले बिजली की खपत भी बहुत कम करता है। इसका मतलब है कि डेटा इस्तेमाल के लिए जितनी एनर्जी की जरूरत पहले सोची गई थी, अब वह उससे कहीं कम हो सकती है।
इसी के चलते पिछले तीन दिन S&P Energy Index में 3% की गिरावट हुई है। भारत में भी निफ्टी एनर्जी इंडेक्स 7% गिरा है। CG पावर, हिताची एनर्जी और पावर ग्रिड जैसे शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है।
"हालांकि, एनालिस्ट्स मानना है कि डेटा सेंटर्स की ग्रोथ से ऊर्जा की मांग में बढ़ोतरी जरूर होगी, लेकिन अब यह उतनी ज्यादा नहीं होगी जितना कि बाजार ने उम्मीद की थी। DeepSeek ने ऊर्जा क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है, लेकिन AI का बढ़ता उपयोग भविष्य में ऊर्जा मांग को और बढ़ा सकता है।"
मॉर्निंगस्टार के एक नोट में कहा, "हमारा अब भी मानना है कि डेटा सेंटर के विकास से बिजली की मांग बढ़ेगी, लेकिन उतनी नहीं जितना की बाजार ने उम्मीद की थी।" बार्कलेज ने भी AI के बढ़ते इस्तेमाल के साथ बिजली की मांग बढ़ने की उम्मीद जताई है, लेकिन उसने कहा कि यह मांग पहले के अनुमानों से कम रह सकती है।
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