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Why Market Fall: सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, इन वजहों से बढ़ा बिकवाली का दबाव

Why Market Fall: लगातार 6 दिनों तक मार्केट में काफी चहल-पहल रही। अब आज मार्केट धड़ाम से नीचे आ गया। कुछ बड़ी कंपनियों ने जून तिमाही के कमजोर नतीजे जारी किए जिन्होंने माहौल को कमजोर किया। कमजोर वैश्विक संकेतों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की बिकवाली ने भी सेंटिमेंट पर असर डाला। सेंसेक्स और निफ्टी 50, दोनों इंट्रा-डे में डेढ़ फीसदी से अधिक टूट गए थे

अपडेटेड Jul 21, 2023 पर 9:46 PM
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मार्केट को सबसे तगड़ा इंफोसिस ने दिया। आईटी सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी के लिए जून तिमाही खास नहीं रही और कंपनी ने इस वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू गाइडेंस भी कम कर दिया।

Why Market Fall: लगातार 6 दिनों तक मार्केट में काफी चहल-पहल रही। अब आज मार्केट धड़ाम से नीचे आ गया। कुछ बड़ी कंपनियों ने जून तिमाही के कमजोर नतीजे जारी किए जिन्होंने माहौल को कमजोर किया। कमजोर वैश्विक संकेतों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की बिकवाली ने भी सेंटिमेंट पर असर डाला। सेंसेक्स और निफ्टी 50, दोनों इंट्रा-डे में डेढ़ फीसदी से अधिक टूट गए थे। पीएसयू बैंक, मीडिया और रियल्टी समेत कुछ सेक्टर के स्टॉक्स को छोड़कर बाकी में बिकवाली का दबाव दिख रहा है। जानिए आज मार्केट में बिकवाली का दबाव क्यों बना हुआ है

Infosys से तगड़ा झटका

मार्केट को आज सबसे तगड़ा इंफोसिस ने दिया। आईटी सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी के लिए जून तिमाही खास नहीं रही और कंपनी ने इस वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू गाइडेंस भी कम कर दिया। इसके चलते इंफोसिस करीब 10 फीसदी टूट गया। इंफोसिस की स्थिति के चलते सिर्फ इसके शेयर ही नहीं बल्कि पूरा मार्केट हिल गया। इनक्रेड इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट गौरव बिस्सा के मुताबिक शॉर्ट से मीडियम टर्म में यह 1200-1500 रुपये की रेंज में ऊपर-नीचे हो सकता है। लॉन्ग टर्म निवेशक इस गिरावट का फायदा खरीदारी करके उठा सकते हैं। गौरव का मानना है कि 18-24 महीने में इंफोसिस नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है। पिछले साल 1 दिसंबर 2022 को यह 1672.45 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर था।


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Reliance-HUL में गिरावट

सेंसेक्स और निफ्टी 50 पर सबसे अधिक वेटेज रिलायंस का है। रिलायंस ने अपनी फाइनेंशियल सर्विसेज इकाई को अलग कर दिया है जिसके चलते इसके शेयर धड़ाम से तीन फीसदी टूट गए। इसके अलावा आज HUL (हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड) के भी शेयर जून तिमाही के नतीजे पर फिसल गए। इसकी सेल्स वॉल्यूम जून तिमाही में महज 3 फीसदी बढ़ी जिसके चलते शेयरों को झटका लगा। एचयूएल के शेयर 3 फीसदी से अधिक टूटे हैं।

वैश्विक बाजारों में गिरावट

इस साल 40 फीसदी की तेजी के बाद 20 जुलाई को नास्डाक में मार्च के बाद की सबसे तेज गिरावट रही। टेस्ला और नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के शेयरों में नतीजे के बाद की तेज गिरावट के चलते नास्डाक को झटका लगा। अब इससे दुनिया भर में बियरिश ट्रेंड के संकेत मिल रहे हैं। जापान का निक्केई 0.6 फीसदी फिसल गया, चीन की ब्लू चिप कंपनियां 0.2 फीसदी टूट गई। हालांकि हॉन्ग कॉन्ग के हैंग सैंग में 0.4 फीसदी की तेजी आई।

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टेक्निकल

ऐसा नहीं है कि मार्केट की गिरावट पूरी तरह से चौंकाने वाली है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स के मुताबिक निफ्टी 50 पिछले 15 कारोबारी दिनों में 1100 प्वाइंट्स से अधिक ऊपर चढ़ा और यह ओवरबॉट स्ठिति में पहुंच गया। ऐसे में मुनाफावसूली को पूरी तरह से उम्मीद के विपरीत नहीं कह सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए। निफ्टी को 19500 के लेवल पर सपोर्ट मिल रहा है।

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Moneycontrol News

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First Published: Jul 21, 2023 2:06 PM

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