ब्लैकरॉक (BlackRock) और फिडेलिटी (Fidelity) जैसी म्यूचुअल फंड और जेपीमॉर्गन चेज (JPMorgan Chase) जैसे बैंक 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर (82.02 लाख करोड़ रुपये) से अधिक एसेट्स मैनेज करते हैं। हालांकि अभी तक कोई प्राइवेट इक्विटी फर्म इस लेवल तक नहीं पहुंच सका था लेकिन अब पहली बार ब्लैकस्टोन (Blackstone) ने यह लेवल पार कर दिया है। ब्लैकस्टोन ने गुरुवार को यह उपलब्धि हासिल की। कंपनी ने जून तिमाही के नतीजे जारी करते हुए यह दावा किया। इसे लेकर ब्लैकस्टोन के सीईओ और को-फाउंडर स्टीफन ए श्वार्जमैन का कहना है कि यह निवेशकों के बीच उसे लेकर असाधारण भरोसे को दिखाता है। हालांकि दूसरी तरफ ब्लैकस्टोन इतनी बड़ी फर्म हो चुकी है कि इसके विस्तार को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
4 लाख डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर का सफर
ब्लैकस्टोन को 1985 में पीटर जी पीटरसन और स्टीफन ए श्वार्जमैन ने 4 लाख की पूंजी से शुरू किया था। श्वार्ज जर्मन भाषा का शब्द है और इसका मतलब ब्लैक है तो पीटर, पेट्रोस या पेट्रा का ग्रीक में अर्थ स्टोन है और इन्ही को मिलाकर ब्लैकस्टोन नाम रखा गया। 4 लाख डॉलर से सफर शुरू कर अब यह 1 ट्रिलियन डॉलर के एसेट्स मैनेज करने वाली दुनिया की पहली प्राइवेट इक्विटी फर्म है। पहले इसने मर्जर्स एंड एक्विजिशन्स एडवायजरी बुटिक के रूप में काम शुरू किया था। 1987 के स्टॉक मार्केट क्रैश के बाद ब्लैकस्टोन ने अपने पहले प्राइवेट इक्विटी फंड के लिए फंड जुटाने को अंतिम रूप दिया। 1991 में इसने रियल एस्टेट में एंट्री मारी और अब यह इसकी सबसे बड़ी डिवीजन है और अमेरिका में अब सबसे अधिक जमीन इसी के पास है। यह फर्म हेज फंड, क्रेडिट ट्रेडिंग, इंफ्रा इनवेस्टिंग इत्यादि में भी है।
Blackstone के लिए चुनौतियां भी कम नहीं
ब्लैकस्टोन के लिए हमेशा सब कुछ अच्छा नहीं रहा। इसके कुछ कारोबार को आर्थिक चुनौतियां का सामना करना पड़ा और पिछली तिमाही में बांटने वाली कमाई करीब 40 फीसदी गिर गई। यह पैसा निवेशकों को दिया जाना था। इसके अलावा फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को बढ़ा दिया है जिसके चलते इसकी प्राइवेट इक्विटी डिवीजन को सस्ते में फंड नहीं मिला और इसे झटका लगा। इसके अलावा कर्ज से जुड़ी लागत और ऑफिस अकुपेंसी रेट में गिरावट ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ाई हैं और वे इसकी फ्लैगशिप रियल एस्टेट फंड से अपना पैसा निकाल रहे हैं। इस वजह से ब्लैकस्टोन को निकासी पर लिमिट लगाना पड़ा।
इसका विस्तार भी चुनौतियां खड़ी कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ब्लैकस्टोन जैसी निवेश फर्मों के बढ़ते आकार ने अमेरिका में घरों से लेकर कॉरपोरेट लोन से लेकर बीमा इत्यादि में यानी पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उनकी मौजूदगी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।