Stock Market Crash: ₹10 लाख करोड़ स्वाहा! शेयर बाजार इन 5 कारणों से क्रैश, सेंसेक्स 1000 अंक लुढ़का
Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 25 अप्रैल को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,000 अकों से अधिक क्रैश होकर 78,800 के स्तर पर आ गया। वहीं निफ्टी करीब 335 अंकों का गोता लगाकर 23,908 के स्तर पर आ गया। सबसे अधिक पिटाई बैंकिंग शेयरों में देखने को मिली। इस गिरावट के चलते निवेशकों को शुरुआती कारोबार में करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ
Stock Market Crash: शेयर बाजार इस समय पहलगाम आतंकी हमले के संभावित नतीजों का आकलन करने में जुटा है
Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 25 अप्रैल को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 1,000 अक क्रैश होकर 78,800 के स्तर पर आ गया। वहीं निफ्टी करीब 335 अंकों का गोता लगाकर 23,908 के स्तर पर आ गया। सबसे अधिक पिटाई बैंकिंग शेयरों में देखने को मिली। इस गिरावट के चलते निवेशकों को शुरुआती कारोबार में करीब 10 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ। छोटे और मझोले शेयरों का तो और भी बुरा हाल रहा। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 3 फीसदी टूट गया। वहीं निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2.5 फीसदी नीचे था। सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे के 5 सबसे बड़े कारण क्या रहे, आइए जानते हैं-
1. पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव
भारतीय शेयर बाजार इस समय पहलगाम आतंकी हमले के संभावित नतीजों का आकलन करने में जुटा है। अधिकतर निवेशक आगे दांव लगाने से पहले भारत की संभावित सैन्य और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं के पैमाने को तौल रहे हैं। इसके चलते वे कोई भी ट्रेड लेने से पहले सावधानी बरत रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार ने शुरुआत में इस घटना के बाद संतुलित रिएक्शन दिया था, लेकिन दोनों देश के बीच तनाव में कोई बड़ा इजाफा मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकता है।
अबक्कस एसेट मैनेजर के सुनील सिंघानिया ने बताया कि पिछले दो कारोबारी दिनों में निफ्टी में एक सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिला था। यह बताता है कि अभी एक सावधानी वाला रास्ता अपना रहा है। सिंघानिया ने कहा कि अगर तनाव सीमित रहता है, तो इसका मार्केट पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि वैल्यूएशन अभी ऊंचे बने हुए हैं और इस स्तर पर कंसॉलिडेशन देखने को मिल सकता है।
2. कमजोर कमाई और विदेशी निवेशकों का रुख
मार्च तिमाही के नतीजों की शुरुआत हो चुकी है और कई कंपनियों के नतीजे बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। इसके चलते इन शेयरों में गिरावट देखी जा रहा है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों ने भी अपनी रणनीति बदली है और वे अब आंशिक रूप से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बना है।
3. ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली
शेयर बाजारों में हाल ही में लगातार 7 दिनों तक तेजी देखने को मिली थी। 9 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच सेंसेक्स ने करीब 6200 अंकों यानी 8.5 फीसदी की तेज छलांग लगाई थी। निफ्टी ने भी इस दौरान 1900 अंकों की उड़ान भरी थी। ऐसे में कई निवेशक अब इस ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली करते दिखाई दे रहे हैं, जो शेयर बाजार में आज की गिरावट का एक प्रमुख कारण रहा।
4. वैल्यूएशन से जुड़ी चिंता
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA के विकास जैन ने बताया, "ग्लोबल ट्रेड को लेकर अनिश्चितता ने दुनिया भर के निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार की ओर आकर्षित किया है। भारतीय बाजारों को लेकर TINA सेटीमेंट यानी 'There Is No Alternative (कोई विकल्प नहीं है)' देखने को मिल रहा क्योंकि ट्रेड वार होने की सूरत में भारत को सबसे कम जोखिम वाले देश माना जा रहा है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में देखी गई जबरदस्त जी ने भारतीय इक्विटी और बॉन्ड मार्केट्स दोनों को फिर से ऊंचे वैल्यूएशन पर पहुंचा दिया है।"
5. बैंकिग शेयरों में बिकवाली
निफ्टी बैंक आज कारोबार के दौरान 1.6 फीसदी तक लुढ़क गया। एक्सिस बैंक के शेयर मार्च तिमाही के नतीजों के बाद 3.5 फीसदी तक लुढ़क गया। एक्सिस बैंक का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में 7,117 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में रहे 7,130 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे से थोड़ा कम है। निफ्टी बैंक इंडेक्स के 12 में से 11 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। सिर्फ इंडसइंड बैंक अकेले हरे निशान में था।
निफ्टी के लिए ये स्तर होंगे अहम?
PL कैपिटल की वाइस प्रेसिडेंट वैशाली पारेख के मुताबिक, निफ्टी के लिए 23,800 का स्तर एक मजबूत सपोर्ट है। अगर ये स्तर टिकता है, तो बाजार फिर से मजबूती पकड़ सकता है। वहीं ऊपर की ओर 24,400 का स्तर निफ्टी के लिए अगले रेजिस्टेंस के तौर पर काम कर सकता है।
आगे इन फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार फिलहाल 'वेट एंड वॉच' के मोड में हैं। आने वाले दिनों में कई बड़े फैक्टर्स बाजार की चाल को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इनमें कंपनियों के मार्च तिमाही के नतीजे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की बैठक, भारत-पाक तनाव में आगे की स्थिति और ग्लोबल भू-राजनीतिक घटनाएं शामिल हैं।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।