शेयर बाजार में इन 10 वजहों से बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 800 अंक क्रैश, निफ्टी लुढ़ककर 24500 पर आया

Stock Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 3 जून को तेज गिरावट देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों, क्रूड ऑयल के दाम में उछाल और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 798 अंक टूटकर 80,575.09 के स्तर तक आ गया। वहीं निफ्टी करीब 214 अंकों का गोता लगाकर 24,502 के स्तर पर पहुंच गया

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 2:23 PM
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Stock Market Falls: भारतीय रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक से पहले निवेशक सतर्क नजर आए

Stock Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 3 जून को तेज गिरावट देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों, क्रूड ऑयल के दाम में उछाल और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 798 अंक टूटकर 80,575.09 के स्तर तक आ गया। वहीं निफ्टी करीब 214 अंकों का गोता लगाकर 24,502 के स्तर पर पहुंच गया। सबसे अधिक गिरावट पावर, कैपिटल गुड्स और यूटिलिटी शेयरों में देखने को मिली। निफ्टी पर कोल इंडिया, अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और मारुति जैसे दिग्गज शेयरों में 2% तक की गिरावट देखी गई।

जानिए शेयर बाजार में आज गिरावट की 10 बड़ी वजहें-

1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से पैसे निकाला जारी रखा है। एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने 2,589.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया।


2. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.57% बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। यह तेजी तेल उत्पादन वाले देशों के संगठन, ओपेक+ की ओर से उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी और यूक्रेन-ईरान संकट की वजह से आई है। भारत अपनी क्रूड ऑयल जरूरतों का 85% आयात करता है, ऐसे में कीमतें बढ़ना चिंता का विषय है।

3. भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा

पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया में तनाव फिर से उभर आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर मॉस्को ने अपना हमला बंद नहीं किया तो वे रूस पर ड्रोन हमले जारी रहेंगे। वहीं दूसरी ओर रिपोर्टों के अनुसार, ईरान ने अमेरिका के परमाणु समझौते के प्रस्ताव को ठुकराने के संकेत दिए हैं।

4. ग्लोबल व्यापार पर अनिश्चितता

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव फिर से उभर आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ वापस लेने के आपसी समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इस बीच अमेरिकी सरकार कथित तौर पर स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने की योजना बना रहा है, जिससे ग्लोबल ट्रेड वार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

5. कमजोर ग्लोबल संकेत

वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भारतीय शेयर बाजार के शुरुआती घंटों में लाल निशान पर कारोबार कर रहा था। यह वॉल स्ट्रीट पर सपाट से नकारात्मक शुरुआत का संकेत दे रहा था। निवेशक इस सप्ताह आने वाले अमेरिकी इकोनॉमी के आंकड़ों और यूरोपीय सेंट्रल बैंक सहित कई केंद्रीय बैंकों की टिप्पणियों का इंतजार कर रहे हैं।

6. अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों पर निगाह

निवेशकों की नजरें इस सप्ताह के अंत में आने वाले अमेरिकी जॉब डेटा पर होगी। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि मई में 1.3 लाख नौकरियां जुड़ी होंगी। जबकि बेरोजगारी दर 4.2 प्रतिशत पर रहने की संभावना है। इन दोनों मोर्चों पर कोई भी बड़ा सरप्राइज, शेयर बाजार की चाल और बॉन्ड यील्ड को प्रभावित कर सकता है।

7. आरबीआई की बैठक से पहले सतर्कता

घरेलू फैक्टर्स की बात करें तो, सभी की निगाहें 6 जून को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के नतीजों पर टिकी हैं। कमेटी की तीन दिवसीय बैठक बुधवार 4 जून से शुरू होगी। बैठक का फैसला 6 जून को आएगा। अधिकतर एनालिस्ट्स यह अनुमान लगा रहे हैं कि RBI एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।

8. रुपये में कमजोरी

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 85.49 पर आ गया। इसकी वजह महंगे क्रूड, डॉलर की मजबूती और एफआईआई की बिकवाली रही। आरबीआई की नीति घोषणा से पहले करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया।

9. ग्लोबल आर्थिक आंकड़ों पर नजर

अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों के अलावा, अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस एक्टिविटी के आंकड़े आने भी बाकी हैं। ये आंकड़े दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की मजबूती के बारे में संकेत देंगे और साथ ही यह फेडरल रिजर्व की नीतियों पर भी असर डाल सकते हैं।

10. OECD ने भारत की ग्रोथ रेट घटाई

ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ने मंगलवार को भारत की मौजूदा वित्त वर्ष के GDP ग्रोथ अनुमान को 0.10 फीसदी घटाकर 6.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2027 के लिए अनुमान को 0.20 फीसदी 6.4 फीसदी कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई 2025 के अंत तक दरों में और 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकता है। इसने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 26 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 में 4.0 प्रतिशत हो जाएगी।

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