Share Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज 11 मार्च को तेज गिरावट आई है। ग्लोबल मंदी की आशंका और व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच निवेशकों ने आज जमकर बिकवाली की। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 451.57 अंक या 0.6% टूटकर 73,663.60 के इंट्राडे लो पर आ गया। वहीं निफ्टी 145.6 अंक या 0.64% गिरकर 22,314.70 तक लुढ़क गया। सबसे अधिक गिरावट बैंकिंग, आईटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में देखने को मिली। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1 फीसदी से अधिक टूट गया। वहीं इंडसइंड बैंक का शेयर 20 फीसदी का गोता लगाकर निफ्टी पर टॉप लूजर्स रहा।
शेयर बाजार में गिरावट के पीछे 3 बड़ी वजहें रहीं-
1. अमेरिका में मंदी की आशंका
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल, जापानी येन में मजबूती और अमेरिका के कंज्यूमर खर्च में गिरावट ने मंदी की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, "व्यापार नीतियों और टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर अनिश्चितता का असर अब अमेरिकी शेयर बाजारों पर दिखने लगा है। वहां की इकोनॉमी में इस साल के अंत तक मंदी आने का खतरा मंडरा रहा है।"
2. एशियाई बाजारों में कमजोरी
अमेरिकी बाजारों में गिरावट के असर से एशियाई बाजार भी आज दबाव में आ गए। हांगकांग का Hang Seng इंडेक्स लगभग 1% गिर गया, जबकि दक्षिण कोरिया का Kospi 1.5% तक टूट गया। अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी में बदलावों के चलते निवेशकों में सतर्कता बढ़ गई और वे जोखिमों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते शेयरों में बिकवाली देखने को मिली।
3. टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर अनिश्चितता
अमेरिका सरकार ने बुधवार 12 मार्च से स्टील और एल्युमीनियम के इंपोर्ट पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जिसने ग्लोबल स्तर पर तनाव को बढ़ा दिया है। मार्केट एक्सपर्ट्स को आशंका है कि अमेरिका के इस कदम के जवाब में कई दूसरे देश जवाबी उपाय लागू कर सकते हैं, जिससे ट्रेड वार बढ़ सकता है। इसके अलावा अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाए जाने के बाद कई भारतीय एक्सपोर्ट्स भी प्रभावित हो सकते हैं। इन सबसे निवेशकों के मनोबल को कमजोर किया है।
क्या कहता है टेक्निकल चार्ट?
टेक्निकल एनालिस्ट्स का मानना है कि निफ्टी के कुछ अहम स्तर निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, "हमने 22,245 के पास तक गिरावट का अनुमान लगाया था, जबकि 22,470 एक अहम सपोर्ट स्तर बना हुआ है। अगर 22,350-22,300 का स्तर मजबूती से बना रहता है, तो बाजार में रिकवरी संभव है। हालांकि, 22,520 के ऊपर ब्रेकआउट नहीं होने या 22,245 के नीचे गिरने पर बाजार 21,720 तक फिसल सकता है।"
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