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फार्मा कंपनी Wockhardt का शेयर 5% लुढ़ककर लोअर सर्किट में, SEBI चेयरपर्सन पर आरोप में नाम उछलने से बिकवाली

Wockhardt Share Price: दिन में बीएसई पर कंपनी के शेयर ने 1095 रुपये का हाई छुआ। शेयर का 52 सप्ताह का उच्च स्तर 1,099 रुपये है। पिछले 6 महीने में शेयर की कीमत करीब 86 प्रतिशत मजबूत हुई है। साल 2024 में अब तक शेयर 120 प्रतिशत चढ़ा है। जून 2024 के आखिर तक कंपनी में प्रमोटर्स के पास 51.99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी

अपडेटेड Sep 06, 2024 पर 9:37 PM
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Wockhardt का मार्केट कैप 15800 करोड़ रुपये पर है।

Wockhardt Ltd Stock Price: फार्मा कंपनी वॉकहार्ट के शेयरों में 6 सितंबर को बिकवाली का दबाव दिखा। शेयर 5 प्रतिशत टूटा और लोअर सर्किट लग गया। कांग्रेस पार्टी ने कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर वॉकहार्ट के साथ हितों के टकराव का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि बुच को मुंबई की एक कंपनी से जुड़ी एंटिटी से रेंटल इनकम मिली। इस कंपनी की सेबी विभिन्न मामलों में जांच कर रहा था, जिनमें इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला भी शामिल है। आरोपों को वॉकहार्ट के शेयरों में गिरावट की अहम वजह बताया जा रहा है।

Wockhardt शेयर बीएसई पर सुबह मामूली बढ़त के साथ 1090 रुपये पर खुला। इसके बाद यह पिछले बंद भाव से 5 प्रतिशत लुढ़का और 1034.60 रुपये पर लोअर सर्किट लग गया। शेयर इसी लेवल पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 15800 करोड़ रुपये पर है। पिछले एक साल में शेयर की कीमत 316 प्रतिशत चढ़ी है।

क्या बोले कांग्रेस के पवन खेड़ा


ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मीडिया एंड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'माधबी पुरी बुच 2018 में सेबी की होलटाइम मेंबर बनी थीं। होलटाइम मेंबर बनने के बाद उन्होंने अपनी एक प्रॉपर्टी किराए पर दी। वित्त वर्ष 2018-19 में उन्हें 7 लाख रुपये किराया मिला था। 2019-20 में उन्हें उसी प्रॉपर्टी के लिए 36 लाख रुपये किराया मिला था, जो इस साल बढ़कर 46 लाख रुपये हो गया।'

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आगे कहा, "माधबी पुरी बुच और उनके पति ने जिस कंपनी को अपनी प्रॉपर्टी किराए पर दी है उसका नाम कैरोल इंफो सर्विसेज लिमिटेड है। यह वॉकहार्ट कंपनी का हिस्सा है। वॉकहार्ट वही कंपनी है, जिससे जुड़ी शिकायतों पर सेबी लगातार कार्रवाई कर रहा है। माधबी पुरी बुच उसी संगठन सेबी की चेयरपर्सन हैं, जिसे वॉकहार्ट के खिलाफ पहले भी शिकायतें मिली हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग का भी एक मामला था, सेबी ने वॉकहार्ट के इनसाइडर ट्रेडिंग मामले पर भी कार्रवाई की थी। यह हितों का टकराव है, मैं इसे भ्रष्टाचार कहूंगा। यह सिर्फ हितों का टकराव नहीं है, यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार है।"

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