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Year End: इस साल डॉलर के मुकाबले 3% कमजोर हुआ रुपया, यूरो और येन की तुलना में मजबूत; 2025 को लेकर क्या उम्मीद

घटनाक्रमों से भरपूर रहे 2024 ने रुपये की एक्सचेंज रेट को काफी प्रभावित किया। भारत की आर्थिक वृद्धि 2025 के लिए 6.5-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह रुपये को सपोर्ट दे सकती है। 2025 में कई वैश्विक घटनाओं से मुद्रा बाजार के रुझान प्रभावित होने का अनुमान है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में बेहतर मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स के कारण डॉलर में अभूतपूर्व तेजी आई है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 29, 2024 पर 2:44 PM
Year End: इस साल डॉलर के मुकाबले 3% कमजोर हुआ रुपया, यूरो और येन की तुलना में मजबूत; 2025 को लेकर क्या उम्मीद
वर्ष 2024 के अंत में रुपया अपने नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।

Rupee Performance in 2024: साल 2024 में अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया 3 प्रतिशत कमजोर हुआ है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुस्ती और वैश्विक बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से रुपया प्रभावित हुआ है। हालांकि, दुनिया की अन्य करेंसी से तुलना करें, तो भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव काफी कम रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आगामी वर्ष में रुपये की स्थिति कुछ बेहतर रहेगी। वर्ष 2024 के अंत में रुपया अपने नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। डॉलर में सुधार का असर उभरते बाजारों की करेंसीज पर पड़ा है।

घटनाक्रमों से भरपूर रहे 2024 ने रुपये की एक्सचेंज रेट को काफी प्रभावित किया। रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में संकट, लाल सागर के जरिए ट्रेड में अड़चनों और दुनिया के कई देशों में चुनावों ने रुपये के सेंटिमेंट पर असर डाला। दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों की ओर से उठाए गए कदमों और अन्य ग्लोबल फैक्टर्स ने न केवल रुपये-डॉलर के स्तर को प्रभावित किया है, बल्कि इसने सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में करेंसीज की एक्सचेंज रेट्स पर भी असर डाला है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट- कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपये में सबसे बड़ी कमजोरी 2024 के आखिरी के 6 महीनों में देखी गई, विशेष रूप से अक्टूबर और दिसंबर के बीच, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़े पैमाने पर निकासी की। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारतीय शेयर बाजारों में एफआईआई की ओर से करीब 1.70 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई। इससे रुपये के प्रदर्शन पर भारी असर पड़ा।

27 दिसंबर को 85.80 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड लो तक चला गया रुपया

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