देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) का चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 3.1 प्रतिशत बढ़कर 6,215 करोड़ रुपये रहा। वहीं आय 6.7 प्रतिशत बढ़कर 38,994 करोड़ रुपये रही। दूसरी तिमाही के इन नतीजों को देखने के बाद यस सिक्योरिटीज ने इंफोसिस के शेयर के लिए अपनी 'बाई' रेटिंग को बरकरार रखा है। साथ ही टार्गेट प्राइस को बढ़ाकर 1,838 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। यस सिक्योरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफोसिस की रेवेन्यु ग्रोथ अनुमान से अधिक रही। EBIT मार्जिन उम्मीद के अनुरूप रहा। कंपनी ने cc (कॉन्स्टेंट करेंसी) के संदर्भ में रेवेन्यु में तिमाही आधार पर 2.3% की वृद्धि दर्ज की।
कॉन्स्टेंट करेंसी से अर्थ एक फिक्स्ड एक्सचेंज रेट से है, जो वित्तीय प्रदर्शन के आंकड़ों की कैलकुलेशन करते समय उतार-चढ़ाव को खत्म करती है। ऐसी आईटी कंपनियां जिनका बिजनेस दूसरे देशों में भी है, वे अपनी कमाई को cc टर्म्स में दर्शाती हैं क्योंकि फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट्स अक्सर वास्तविक परफॉरमेंस को छिपा सकती हैं। USD के संदर्भ में इंफोसिस के रेवेन्यु में तिमाही आधार पर 2.2% की वृद्धि हुई (रुपये के संदर्भ में 2.8% की ग्रोथ)। तिमाही के दौरान EBIT मार्जिन लोअर SG&A कॉस्ट पर तिमाही आधार पर 42 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 21.2 प्रतिशत रहा।
इन सब फैक्टर्स को देखकर यस सिक्योरिटीज ने इंफोसिस के लिए टार्गेट प्राइस को FY25E अर्निंग प्रति शेयर पर 25.5x पर 1,838 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। साथ ही बाई रेटिंग बरकरार रखी है। 13 अक्टूबर को BSE पर इंफोसिस का शेयर 2.24% की गिरावट के साथ 1431.80 रुपये पर बंद हुआ।
18 रुपये के इंटरिम डिवीडेंड की घोषणा
इंफोसिस का पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट 6,026 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आय वृद्धि अनुमान को 1-3.5 प्रतिशत से घटाकर 1 से 2.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि परिचालन मार्जिन अनुमान को 20-22 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। शेयरधारकों के लिए इंफोसिस ने 5 रुपये फेस वैल्यू वाले हर इक्विटी शेयर पर 18 रुपये का इंटरिम डिवीडेंड देने की घोषणा की है। इसने डिवीडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 25 अक्टूबर 2023 और पेमेंट डेट 6 नवंबर 2023 तय की है।
Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।