Zerodha के CEO नितिन कामत ने बताया, कैसे एक ऑफलाइन डीमैट अकाउंट ने दिलाया सबसे बड़ा मुनाफा

नितिन कामत (Nithin Kamath) ने बताया कि उन्हें अपने निवेश पर अब तक का सबसे बेहतर रिटर्न एक पुराने ऑफलाइन डीमैट से मिला है। कामत ने कहा कि इस ऑफलाइन डीमैट खाते ने उन्हें न सिर्फ लंबे समय तक निवेश को बनाए रखने में मदद की, बल्कि बार-बार भावुक या जोश में आकर ट्रेडिंग करने से भी दूर रखा। इसके चलते वे इससे बेहतर रिटर्न कमा सके

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 10:55 AM
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नितिन कामत (Nithin Kamath), जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ

जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) ने अपने निवेश से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने निवेश पर अब तक का सबसे बेहतर रिटर्न एक पुराने ऑफलाइन डीमैट से मिला है। कामत ने कहा कि इस ऑफलाइन डीमैट खाते ने उन्हें न सिर्फ लंबे समय तक निवेश को बनाए रखने में मदद की, बल्कि बार-बार भावुक या जोश में आकर ट्रेडिंग करने से भी दूर रखा। इसके चलते वे इससे बेहतर रिटर्न कमा सके।

नितिन कामत ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखे एक पोस्ट में बताया कि जीरोधा शुरू होने से पहले उनके पास दो अकाउंट थे। एक ऑफलाइन डिमैट अकाउंट, जिसे वे निवेश के लिए इस्तेमाल करते थे और दूसरा ऑनलाइन अकाउंट, जिसे वे ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल करते थे।

उन्होंने लिखा, “जब मैं एक्टिव ट्रेडिंग करता था, तब मैंने इनवेस्टमेंट के लिए एक अलग ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खुलवाया हुआ था। इससे मुझे अपने इनवेस्टमेंट को बार-बार बेचने का लालच नहीं होता था।”


उन्होंने बताया कि ऑफलाइन अकाउंट से शेयर बेचना आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें फिजिकल डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप भरकर ब्रोकर को भेजनी पड़ती थी, जिसके बाद ही शेयर उनके प्राइमरी डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर होकर बिकते थे। कामत ने कहा, “नतीजा साफ था। जिन शेयरों को मैंने इस सेकेंडरी डिमैट अकाउंट में सबसे लंबे समय तक रखा, उन्हीं से मुझे सबसे ज्यादा रिटर्न मिला।”

जीरोधा काइट पर सेकेंडरी डिमैट अकाउंट

नितिन कामत ने यह किस्सा ऐसे समय में साझा किया है जब जीरोधा ने हाल ही में अपने काइट (Kite) ऐप पर सेकेंडरी डीमैट अकाउंट की सुविधा शुरू की है। इससे निवेशक अब लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म होल्डिंग्स को अलग-अलग रख सकते हैं।

कामत ने लिखा, “सेकेंडरी डीमैट का दूसरा सबसे बड़ा फायदा टैक्सेशन है। अगर एक ही अकाउंट में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों निवेश हों, तो FIFO (First In First Out) टैक्सेशन लागू होता है। दोनों को अलग रखने से न सिर्फ भावनाओं में आकर शेयर बेचने से बचा जा सकता है बल्कि टैक्स मैनेजमेंट भी बेहतर होता है।”

कामथ के मुताबिक, सेकेंडरी डीमैट अकाउंट देने की योजना जीरोधा लंबे समय से कर रहा था, लेकिन तकनीकी और नियामकीय अड़चनों के कारण इसे लागू करने में वक्त लगा। उन्होंने कहा, “हम काफी समय से यह सुविधा लॉन्च करना चाहते थे, लेकिन हमारे सामने कई चुनौतियां थीं। आखिरकार अब इसका समाधान मिल गया है।”

अब जीरोधा यूजर्स एक नया डिमैट अकाउंट खोलकर अपने निवेश को ज्यादा अनुशासित तरीके से मैनेज कर सकते हैं। कामत ने कहा, “यह भावनाओं में आकर में शेयर बेचने से बचने का अच्छा व्यवहारिक तरीका है।”

नितिन कामत के पोस्ट को आप नीचे देख सकते हैं-

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Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Sep 11, 2025 10:55 AM

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