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Zerodha का इस्तेमाल करने वालों के लिए अहम अपडेट, 5 अप्रैल से पहले बंद करनी होगी ये पॉजिशन

RBI के जरिए लाए गए नियम के बाद ऐसा फैसला लिया गया है यह नियम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की व्यापक विदेशी मुद्रा प्रबंधन नीति के अनुरूप है, जिसने जून से वैश्विक इंडेक्स में देश के बॉन्ड बाजारों को शामिल करने के लिए रुपये में उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाया है

अपडेटेड Apr 04, 2024 पर 12:32 AM
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Zerodha ने अब एक नया ऐलान किया है, जिससे माना जा रहा है कि बाजार में भागीदारी रखने वाले कई एक्टिव प्लेयर्स अब बाहर हो जाएंगे। दरअसल, Zerodha ने अपने ग्राहकों से RBI के नए मानदंडों का पालन करने को कहा है और इसके लिए Zerodha की ओर से कहा गया है कि ग्राहक 5 अप्रैल से पहले FX डेरिवेटिव पॉजिशन को बंद कर दें।

आंकड़े में आएगी कमी

उम्मीद की जा रही है कि इससे बाजार के ज्यादातर एक्टिव प्लेयर बाहर हो जाएंगे, जिससे हर रोज 5 अरब डॉलर तक पहुंचने वाला आंकड़ा भी कम हो जाएगी। एक्सचेंजों के जरिए केंद्रीय बैंक के फैसले की पुष्टि के बाद कि प्रतिभागियों के पास वास्तविक विदेशी मुद्रा एक्सपोजर होना चाहिए, Zerodha पहले ब्रोकरेज में से एक है जो ग्राहकों से कॉन्ट्रैक्ट बंद करने के लिए कह रहा है।


किया ये ऐलान

Zerodha ने X पर कहा है, 'आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार, ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज पर मुद्रा डेरिवेटिव में व्यापार करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा में निवेश की आवश्यकता होती है। कृपया आरबीआई नियमों का अनुपालन करने के लिए 05 अप्रैल 2024 से पहले अपनी ओपन पॉजिशन को बंद करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा, 04 अप्रैल 2024 से, आप अपनी वर्तमान स्थिति से बाहर निकल सकते हैं लेकिन मुद्राओं में नई स्थिति लेने की अनुमति नहीं होगी। यदि आप नई पॉजिशन लेना चाहते हैं तो कृपया डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें।'

वॉल्यूम होगी खत्म

यह उन व्यक्तिगत ट्रेडर्स और सट्टेबाजों को बाहर कर देगा है जो वॉल्यूम का एक बड़ा हिस्सा शामिल करते हैं। वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल के कार्यकारी निदेशक और विदेशी मुद्रा और कमोडिटी के प्रमुख सजल गुप्ता ने कहा, "कम से कम 70 फीसदी या ज्यादा वॉल्यूम खत्म हो जाएगी - आधा बाजार मध्यस्थ है। ट्रेडर्स नई पॉजिशन नहीं लेंगे और उन्हें मौजूदा पॉजिशन को समाप्त करना होगा।"

RBI का नियम

दरअसल, आरबीआई के जरिए लाए गए नियम के बाद ऐसा फैसला लिया गया है। यह नियम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की व्यापक विदेशी मुद्रा प्रबंधन नीति के अनुरूप है, जिसने जून से वैश्विक इंडेक्स में देश के बॉन्ड बाजारों को शामिल करने के लिए रुपये में उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाया है। वैश्विक स्तर पर उभरते बाजार की मुद्राओं में रुपया सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक रहा है।

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