Zomato के इस कारोबारी मॉडल पर फिदा ब्रोकरेज, शेयरों की गिरावट को समझें मौका

Zomato Shares: स्विगी के दबदबे वाले शहरों में भी जोमैटा का कारोबार फैल रहा है। इसके अलावा जोमैटो का एक खास कारोबारी मॉडल है, जिस पर वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले फिदा हो गया है। ब्रोकरेज का कहना है कि यह ऐसा मॉडल है कि अगर शेयरों में गिरावट आती है तो लॉन्ग टर्म निवेशकों को इसे मौके के तौर पर लेना चाहिए

अपडेटेड Aug 16, 2024 पर 7:38 PM
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चालू वित्त वर्ष की शुरुआत Zomato के लिए शानदार रही। वित्त वर्ष 2024-25 में इसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 126.5 गुना बढ़कर 253 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

Zomato Shares: ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के शेयरों में शुरुआती उठा-पटक के बाद जोरदार तेजी दिखी। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले ने इसकी ओवरवेट रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है। ब्रोकरेज के इस पॉजिटिव रुझान का असर आज शेयरों पर भी दिखा। इंट्रा-डे में यह करीब ढाई फीसदी उछल गया। दिन के आखिरी में यह BSE पर 1.89 फीसदी की अच्छी बढ़त के साथ 264.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 2.50 फीसदी के उछाल के साथ 266.10 रुपये के भाव पर पहुंच गया था। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो 21 अगस्त 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 88.16 रुपये और 2 अगस्त 2024 को 278.45 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर था।

Zomato में निवेश का क्या है टारगेट प्राइस?

मॉर्गन स्टैनले ने जोमैटो को 278 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखा है। यह इसके रिकॉर्ड हाई के करीब भाव है। हाल ही में क्विक कॉमर्स बिजनेस में कॉम्पटीशन काफी बढ़ गया था जिसे ब्रोकरेज इस सेगमेंट के ग्रोथ के संकेत के रूप में देख रहा है। हालांकि कॉम्पटीशन बढ़ने से मुनाफे पर असर दिख सकता है। ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि जोमैटो को अपनी लीडरशिप बनाए रखना अहम है, चाहे इसके मुनाफे पर असर ही क्यों न पड़े। इसकी वजह ये है कि प्रतिस्पर्धी माहौल में आगे रहना लॉन्ग टर्म में कंपनी की सफलता लिए जरूरी है। ब्रोकरेज के मुताबिक अगर कॉम्पटीशन के चलते जोमैटो के शेयर गिरते हैं तो लॉन्ग टर्म निवेशकों को इसे निवेश के सुनहरे मौके के तौर पर देखना चाहिए।


कैसी है जोमैटो की कारोबारी सेहत?

चालू वित्त वर्ष की शुरुआत जोमैटो के लिए शानदार रही। वित्त वर्ष 2024-25 में इसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 126.5 गुना बढ़कर 253 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मैनेजमेंट का कहना है कि दक्षिण भारतीय राज्यों के शहरों में इसका दबदबा और मौजूद हुआ है, जहां अब स्विगी का दबदबा अधिक रहा है। कई ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि देश के फूड डिलीवरी सेक्टर में जोमैटो की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 55 फीसदी पर पहुंच गई। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जोमैटो ने ऐसे शहरों में भी विस्तार किया है जो मुनाफे वाले नहीं माने जाते हैं लेकिन कंपनी का मानना है कि गैर-मेट्रो शहरों में विस्तार से लॉन्ग टर्म में फायदा मिलेगा।

जोमैटो और स्विगी की तुलना करें तो जोमैटो को लगातार पांच तिमाही में शुद्ध मुनाफा हुआ है जबकि स्विगी को वित्त वर्ष 2024 के नौ महीने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। फूड डिलीवरी के अलावा जोमैटो की क्विक कॉमर्स इकाई ब्लिंकिट की बात करें तो यह इतना बढ़ चुका है कि गोल्डमैन सैक्स के मुताबित जोमैटो का फूड डिलीवरी कारोबार पीछे छूट चुका है। जोमैटो ने वर्ष 2022 में ब्लिंकिट को 56.8 करोड़ डॉलर में खरीद लिया था।

Zomato Q1 Result: मुनाफे में 12550% का तगड़ा उछाल

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Moneycontrol News

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First Published: Aug 16, 2024 3:55 PM

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