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Tirumala Tirupati Mandir: तिरुपति बालाजी मंदिर की ऐतिहासिक महिमा, बाल चढ़ाने की अनोखी परंपरा और भक्तों के लिए विशेष महत्व

तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुमाला, आंध्र प्रदेश में स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। यह दुनिया का सबसे अधिक दर्शन किया जाने वाला धार्मिक स्थल है, जहां सालाना 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आते हैं। मंदिर की वार्षिक आय 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है, और तिरुपति लड्डू प्रसिद्ध प्रसाद है

अपडेटेड Jan 12, 2025 पर 15:27
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स्थान और महत्व तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुमाला, आंध्र प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जिन्हें भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर दुनियाभर के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और प्रमुख स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए यात्रा करते हैं।(Image source: social media)

इतिहास
तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास 2,000 साल से अधिक पुराना है। यह प्राचीन काल से ही एक प्रमुख धार्मिक स्थल रहा है। तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित होने के कारण इसे उच्चतम धार्मिक स्थान माना जाता है। मंदिर का संबंध बहुत से कथाओं से जुड़ा है, जो इस जगह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ाती हैं।(image source: social media)

दुनिया में सबसे ज्यादा दर्शन
यह मंदिर दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धार्मिक स्थल है। यहां हर साल लगभग 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर भारतीय मंदिरों में सबसे अधिक भक्तों द्वारा दौरा किया जाने वाला स्थान है, जो इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बनाता है।(image source: social media)

प्रमुख देवता – भगवान वेंकटेश्वर
तिरुपति बालाजी में पूजा जाने वाला भगवान वेंकटेश्वर का रूप भगवान विष्णु का अवतार है। भगवान वेंकटेश्वर को विभिन्न नामों से पूजा जाता है, जैसे वेंकटेश, विष्णु, और श्रीपति। भक्तों का मानना है कि भगवान वेंकटेश्वर ने तिरुमाला में निवास करने का वचन लिया था और उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।(image source: social media)

भगवान के बालों का रहस्य
तिरुपति मंदिर में एक बहुत ही अनोखी परंपरा है, जहां भगवान वेंकटेश्वर के बाल श्रद्धालु चढ़ाते हैं। यह परंपरा बहुत पुरानी है, और मान्यता है कि भगवान ने सांसारिक मोह-माया से मुक्त होने के बाद अपने बालों का त्याग किया था। मंदिर में हर साल लाखों बाल चढ़ाए जाते हैं, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं।(image source: social media)

धन और संपत्ति
तिरुपति बालाजी मंदिर की नेट वर्थ (धन और संपत्ति) बहुत विशाल है। यह मंदिर दुनिया के सबसे अमीर धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर की वार्षिक आय 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है। आय का प्रमुख स्रोत हवाला दान, प्रसाद बिक्री, और दर्शन शुल्क है। यह मंदिर भारतीय मंदिरों के बीच सबसे अधिक दान प्राप्त करने वाला स्थल है। साथ ही, तिरुपति बालाजी का दान और संपत्ति कई संस्थाओं और कल्याण कार्यों के लिए उपयोग की जाती है।(image source: social media)

सुनहरा मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर का गुंबद सुनहरे रंग का है और इस पर सोने की परत चढ़ी हुई है। यह मंदिर की भव्यता और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अलावा, मंदिर के दरवाजों और अन्य हिस्सों में भी सोने का उपयोग किया गया है, जो इस स्थान को और भी आकर्षक बनाता है।(image source: social media)

मुख्य प्रसाद – तिरुपति लड्डू
तिरुपति बालाजी का सबसे प्रसिद्ध प्रसाद तिरुपति लड्डू है। यह लड्डू मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाते हैं और फिर भक्तों को वितरित किए जाते हैं। यह लड्डू विशेष रूप से धार्मिक स्थानों पर प्राप्त होते हैं और भक्तों के बीच लोकप्रिय हैं। इस लड्डू को भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है।(image source: social media)

आकाश गंगा और झरने
तिरुमाला में आकाश गंगा नामक एक प्रसिद्ध झरना भी है, जो भगवान वेंकटेश्वर से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि भगवान ने इस झरने में स्नान किया था। यह झरना पवित्र माना जाता है और श्रद्धालु यहां स्नान करने के बाद मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने आते हैं।(image source: social media)

ब्रह्मोत्सव महोत्सव
तिरुपति में ब्रह्मोत्सव महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्सव भगवान वेंकटेश्वर के सम्मान में आयोजित किया जाता है और इसमें रथ यात्रा, पूजा, यज्ञ, और अन्य धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। यह महोत्सव भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक अनुभव होता है और यह मंदिर के महत्व को और भी बढ़ा देता है।(image source: social media)

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