हर्षा ने कहा कि वह अभी साध्वी नहीं हैं और केवल सनातन धर्म को जानने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यदि भगवान की कृपा रही, तो वह भविष्य में संन्यास की ओर बढ़ सकती हैं।(image source: social media)
इंस्टाग्राम पर हर्षा आध्यात्मिकता से जुड़ी सामग्री साझा करती हैं और युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करने का प्रयास करती हैं। उनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग सनातन धर्म के बारे में जानें और इसे अपनाएं।(image source: social media)
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दिन हर्षा ने गंगा-जमुना के पवित्र संगम में डुबकी लगाई, और इस दौरान उनकी तस्वीरें वायरल हो गईं। उनके इस आध्यात्मिक कदम ने उन्हें चर्चा में ला दिया।(image source: social media)
महाकुंभ में लाखों लोग स्नान करने आए थे, लेकिन हर्षा का साध्वी रूप सबका ध्यान खींचने में सफल रहा। हर्षा का यह रूप देखकर लोग उनसे जुड़ी चर्चा करने लगे थे।(image source: social media)
हर्षा का मानना है कि सुंदरता और भक्ति का कोई संबंध नहीं है। उनका यह संदेश है कि भक्ति और आस्था से ही आत्मिक शांति मिलती है।(image source: social media)
महाकुंभ के दौरान उनके साथ महामंडलेश्वर और अन्य संत भी रथ पर सवार थे। हर्षा ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा को लेकर यह साफ किया कि वह अपने जीवन को धर्म और आस्था के रास्ते पर समर्पित करना चाहती हैं। (image source: social media)