
कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया है कि उसे DRDO से लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) सिस्टम और DEW के लिए EO ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़े दो अलग-अलग टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए मंजूरी मिल गई है।
ये टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सबसिस्टम में क्षमताओं को मजबूत करते हैं। साथ ही ये भारत के डिफेंस में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत पहलों के अनुरूप हैं।
DEW, टारगेट को नुकसान पहुंचाने के लिए हाई-पावर्ड लेजर का इस्तेमाल करते हैं। इसके कई तरह के मिलिट्री एप्लीकेशन हैं, जो UAV, मिसाइलों और छोटे वाहनों जैसे खतरों के खिलाफ तेजी से और सटीक हमले की सुविधा देते हैं।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का मार्केट कैप 8400 करोड़ रुपये है। शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपये है। 26 नवंबर 2025 तक कंपनी में 52.41 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
शेयर एक साल में 165 प्रतिशत चढ़ा है। 6 महीनों में कीमत 28 प्रतिशत मजबूत हुई है। शेयर का बीएसई पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर 354.65 रुपये और 52 सप्ताह का निचला स्तर 92.50 रुपये है।
सितंबर 2025 तिमाही में अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का स्टैंडअलोन रेवेन्यू 225.27 करोड़ रुपये रहा। शुद्ध मुनाफा 33 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 562 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 57.24 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।