महाराष्ट्र राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सफाई कर्मचारी और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माने जाने वाले क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को दिये जाने वाले वजीफे (Scholorship) की रकम को दोगुना कर दिया है। इसके लिए सरकार की तरफ मैट्रिक पूर्व वजीफे की योजना में बदलाव किया गया है। विद्यार्थियों को हर महीने ये वजीफा दिया जाता है।
सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार मैट्रिकपूर्व वजीफा योजना के लाभ में कुछ बड़े बदलाव किये गये हैं। इस निर्णय के अनुसार कक्षा पहली से कक्षा दूसरी के विद्यार्थियों को पहले हर महीना 110 रुपये वजीफा मिलता था। अब इसे दोगुना करके हर महीना 225 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा कक्षा तीसरी से दसवीं के विद्यार्थियों को हर महीना 110 रुपये मिलते थे। अब इस निर्णय के अनुसार उसमें भी बढ़ोत्तरी करके 225 रुपये कर दिया गया है जबकि साल में मिलने वाला कुल मानधन 750 रुपये ही रहेगा। विद्यार्थियों को पहले 1 साल में 1860 रुपये मिलते थे अब नये नियम के अनुसार बढ़ोत्तरी होने के बाद साल में 3000 रुपये मिलेंगे।
महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक हॉस्टेल में रहने वाले कक्षा तीसरी से कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों को सालाना 700 रुपये और वार्षिक अनुदान 1000 रुपये का वजीफा पहले की तरह ही जारी रहेगा ऐसा सामाजिक न्यायमंत्री धनंजय मुंडे ने कहा।
महाराष्ट्र राज्य के सफाई क्षेत्र और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माने जाने वाले क्षेत्र में काम करने वाले हजारों मजदूरों के बच्चों को इस निर्णय के कारण दोगुना वजीफा मिलेगा इसमें सबसे विशेष बात ये है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी धर्म या जाति का बंधन नहीं होगा ये भी स्पष्ट किया गया है।