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Electric Vehicle: अप्रैल में EV बिक्री में बड़ी गिरावट, लेकिन Ola इलेक्ट्रिक का मार्केट शेयर 50% के पार

Ola Electric's market share Jump: सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि ओवरऑल सेल्स में गिरावट मुख्य रूप से अप्रैल में मौसमी रूप से धीमी बिक्री अवधि के साथ-साथ त्योहारी सीजन के बाद मांग में कमी के कारण है। पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान ईवी टू-व्हीलर की बिक्री 64,855 यूनिट थी

अपडेटेड May 01, 2024 पर 4:07 PM
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ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी अप्रैल में बढ़कर 50 फीसदी हो गई।

Electric Vehicle: इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली दिग्गज कंपनी ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी अप्रैल में बढ़कर 50 फीसदी हो गई। कंपनी ने इस अवधि में 33,062 स्कूटर बेचे हैं। दिलचस्प बात यह है कि अप्रैल में भारत में ईवी की बिक्री घटी है लेकिन इसके बावजूद ओला इलेक्ट्रिक के मार्केट शेयर में उछाल देखने को मिला है। EV टू-व्हीलर मार्केट में अप्रैल में मासिक आधार पर बिक्री में लगभग 52 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई। इस दौरान कंपनियों ने कुल 64013 यूनिट इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे। ये आंकड़े आज 1 मई को वाहन वेबसाइट ने जारी किए हैं।

क्या है अप्रैल में Electric Vehicle की बिक्री घटने की वजह?

सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि ओवरऑल सेल्स में गिरावट मुख्य रूप से अप्रैल में मौसमी रूप से धीमी बिक्री अवधि के साथ-साथ त्योहारी सीजन के बाद मांग में कमी के कारण है। पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान ईवी टू-व्हीलर की बिक्री 64,855 यूनिट थी।


एक सूत्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ईवी टू-व्हीलर सेल्स सालाना 1 फीसदी पर फ्लैट है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अप्रैल आमतौर पर बिक्री के लिए धीमा महीना होता है। पिछला महीना वित्तीय वर्ष का अंत था और कई OEM भारी छूट दे रहे थे, जिससे बिक्री में वृद्धि हुई होगी।

मार्च 2024 में अब तक की सबसे अधिक बिक्री

भारत में मार्च 2024 में रिकॉर्ड-हाई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेल्स देखी गई, जो 136,000 यूनिट को पार कर गई। यह सालाना आधार पर लगभग 50 फीसदी अधिक है। पूरे वित्तीय वर्ष में बिक्री लगभग 942,088 यूनिट तक पहुंच गई, जो कि सालाना आधार पर लगभग 30 फीसदी अधिक है।

यहां ध्यान दें कि वाहन वेबसाइट पर केवल रजिस्टर्ड सेल्स की कुल संख्या रिकॉर्ड बोती है, बुकिंग नहीं। इसमें कम स्पीड वाली E2W सेल्स को भी ध्यान में नहीं रखा गया है और इसमें लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के डेटा को शामिल नहीं किया गया है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट कम बिक्री के लिए पिछले साल से भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) द्वारा सब्सिडी पर रोक से जुड़े मुद्दों को भी एक वजह मानते हैं।

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