एलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला (Tesla) का भारतीय बाजार में निवेश न करने का फैसला, टेस्ला के लिए एक बड़ी चूक है, न कि भारत के लिए। यह बात ओला कैब्स (Ola Cabs) के चीफ एग्जीक्यूटिव भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने कही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क करना बंद कर दिया है। ऐसे में उम्मीद नहीं है कि टेस्ला जल्द ही भारत में निवेश के लिए आगे बढ़ेगी। बता दें कि इस साल अप्रैल में एलॉन मस्क भारत आने वाले थे, लेकिन फिर उनका दौरा कैंसिल हो गया। उसके बाद मस्क ने साल के आखिर में भारत आने की बात कही।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में भाविश अग्रवाल ने कहा, 'अगर यह सच है, तो यह टेस्ला का नुकसान है, भारत का नहीं। भले ही भारतीय EV और लीथियम इकोसिस्टम अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन हम तेजी से गति पकड़ रहे हैं। टेस्ला जब कुछ वर्षों बाद फिर से गंभीरता के साथ भारत को देखेगी तो उसके लिए बहुत देर हो चुकी होगी।'
टेस्ला के सामने चुनौतियां
टेस्ला की ग्लोबल डिलीवरी में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी को चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, टेस्ला ने नौकरियों में कटौती की घोषणा की है, अपने फ्लैगशिप साइबरट्रक स्टॉल को बेच दिया है और मैक्सिको में अपने प्लांट के निर्माण को स्थगित कर दिया है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के अंत में मस्क की ओर से भारत की यात्रा स्थगित करने के बाद मस्क की टीम ने नई दिल्ली में अधिकारियों से कोई और इंक्वायरी नहीं की है। सरकार को यह समझा दिया गया है कि टेस्ला के पास पूंजीगत मुद्दे हैं और निकट भविष्य में भारत में नए निवेश की योजना नहीं है।