अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) इस साल के अंत में भारत में बिक्री शुरू करने की तैयारी में है। कंपनी इसके लिए नई दिल्ली और मुंबई में संभावित शोरूम के लिए लोकेशन की तलाश कर रही है। मामले से जुड़े दो सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। टेस्ला ने लगभग चार सालों में पहली बार पहली तिमाही में अपनी ग्लोबल व्हीकल डिलीवरी में गिरावट देखी है। इस बीच कंपनी नए मार्केट की तलाश के साथ अपना बिजनेस बढ़ाने की कोशिश कर रही है। सूत्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
जर्मनी में कार प्रोडक्शन शुरू
एक सूत्र ने बताया कि टेस्ला 3000 से 5000 वर्ग फुट (280-465 वर्ग मीटर) के शोरूम के साथ-साथ हर शहर में एक सर्विस हब के साथ शुरुआत करना चाहती है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि ऑटोमेकर ने भारत में निर्यात के लिए जर्मनी में अपने प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। भारत ने पिछले महीने उन ऑटोमेकर्स के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल इंपोर्ट टैक्स को 100% से घटाकर 15% कर दिया, जो कम से कम $50 करोड़ का निवेश करते हैं और एक फैक्ट्री स्थापित करते हैं।
रियल एस्टेट डेवलपर्स से चल रही है बातचीत
सूत्रों में से एक ने कहा कि टेस्ला के अधिकारियों ने पिछले महीने लोकेशन देखना शुरू कर दिया है और कई रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ बातचीत की है क्योंकि वे संभावित हाई स्ट्रीट और मॉल साइटों को देख रहे हैं। सूत्र ने कहा कि कंपनी जल्द ही कंस्ट्रक्शन शुरू करने की तैयारी में है ताकि शोरूम 2024 में खुल सके।
एलॉन मस्क कर सकते हैं पीएम मोदी से मुलाकात
टेस्ला के मालिक एलॉन मस्क के दो दिन की भारत दौरे के दौरान निवेश की घोषणा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की उम्मीद है। मस्क और मोदी जी की आखिरी मुलाकात जून में न्यूयॉर्क में हुई थी। टेस्ला संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के अपने दोनों बड़े बाजारों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की धीमी ग्रोथ से जूझ रहा है। रॉयटर्स ने इस महीने रिपोर्ट दी थी कि टेस्ला ने लंबे समय से वादा की गई सस्ती कार की योजना को रद्द कर दिया है, जिस पर निवेशक बड़े पैमाने पर मार्केट ग्रोथ के लिए भरोसा कर रहे थे।
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। 2023 में भारत की कुल कार बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ 2 फीसदी थी, लेकिन सरकार ने कहा है कि वह 2030 से नई कारों की बिक्री में 30 फीसदी इलेक्ट्रिक कार की हिस्सेदारी चाहती है।