Elon Musk's Starlink: एलॉन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक भारत में अपने लॉन्च के काफी करीब पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी को भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) से ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाई सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस कुछ हफ्तों में मिलने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, स्टारलिंक ने अपने लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) में उल्लिखित सभी सुरक्षा अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है। लाइसेंस मिलने के बाद जल्द ही स्टारलिंक भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं को लॉन्च कर सकता है।
स्टारलिंक को जल्द मिलेगी मंजूरी, कुइपर को करना होगा इंतजार
सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि 'स्टारलिंक को पिछले महीने 7 मई को लेटर ऑफ इंटेंट जारी होने के बाद 7 जून तक अनुपालन पूरा करने का समय दिया गया था। उन्होंने पहले ही नई लाइसेंस शर्तों को पूरा करने के लिए सुरक्षा संबंधी जरूरी दस्तावेज जमा कर दी थीं, और अन्य दिशानिर्देशों पर भी सहमति दे दी थी। उन्हें इस महीने में लाइसेंस मिल जाएगा।'
इसके विपरीत इसकी स्टारलिंक की प्रतिद्वंद्वी अमेजन कुइपर को लाइसेंस के लिए लंबा इंतजार करना होगा, क्योंकि उसका LoI आवेदन अभी भी प्रोसेस में है। कुइपर को DoT से LoI प्राप्त करने के लिए अभी इंतजार करना होगा, भले ही उसने लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक सभी सुरक्षा और परिचालन शर्तों को पूरा कर लिया हो।
एक अधिकारी ने बताया, 'उन्हें अभी भी कई प्रोसेस पूरे करने होंगे, जिसमें गेटवे स्थापित करना, एक नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर, और कानूनी इंटरसेप्शन क्षमताओं को सुनिश्चित करना शामिल है। भारत में वाणिज्यिक उपग्रह संचार सेवाएं शुरू करने में उन्हें कम से कम नौ महीने लगेंगे।' बता दें कि, स्टारलिंक भारत में तीन गेटवे बनाने की योजना बना रहा है वो पिछले तीन से चार सालों से लाइसेंस का इंतजार कर रहा था।
अमेजन के कुइपर का क्या होगा?
एक दूसरे सूत्र ने बताया कि 'कुइपर को अभी LoI मिलने में काफी समय है। उसने फरवरी में DoT को एक पत्र लिखकर अपने आवेदन पर अपडेट मांगा था, जिसमें सभी शर्तों को पूरा करने की बात कही गई थी। उसने DoT से अपडेट मांगा था कि क्या और जानकारी की आवश्यकता है। सूत्र ने आगे कहा कि कुइपर के आवेदन पर अगली अंतर-मंत्रालयी स्थायी समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी। 'दिसंबर 2024 के बाद से कोई बैठक नहीं हुई है, इसलिए कुइपर के आवेदन पर कोई प्रगति नहीं हुई है। अंतर-मंत्रालयी स्थायी समिति की बैठक के बिना, एक LoI जारी नहीं किया जा सकता।'
आपको बता दें कि अमेजन ने वैश्विक स्तर पर ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने प्रोजेक्ट कुइपर के हिस्से के रूप में 27 उपग्रह लॉन्च किए हैं। ये उपग्रह 3,236 में से पहले हैं जिन्हें अमेजन प्रोजेक्ट कुइपर के लिए लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करने की योजना बना रहा है, यह 2019 में घोषित एक $10 बिलियन की पहल है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में इंटरनेट पहुंचाना है। कुइपर भारत में महत्वपूर्ण सैटकॉम क्षमता बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें 10 गेटवे और मुंबई और चेन्नई में दो प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस की योजना है, जबकि स्टारलिंक के तीन गेटवे हैं। यूटेल्सैट-वनवेब और जियो-एसईएस प्रत्येक के पास दो गेटवे हैं।