Google Crome Alert: भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In ने डेस्कटॉप पर गूगल क्रोम के यूजर्स के लिए एक इंपॉर्टेंट वार्निंग अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी ब्राउजर में व्याप्त कई सुरक्षा खामियों के बारे में है जो रिमोट अटैकर्स को ब्राउजर में मनमाने कोड जेनरेट कर उससे साइबर हमले को अंजाम दे सकते है। गूगल क्रोम में ये खामियां Linux, Windows और macOS पर क्रोम के ओल्ड वर्जन का उपयोग करने वाले यूजर्स को प्रभावित करती हैं।
कौन से वर्जन हो सकते हैं प्रभावित?
ये खामियां Linux के लिए गूगल क्रोम संस्करण 137.0.7151.55 से पहले और Windows और Mac के लिए 137.0.7151.55/56 से पहले के संस्करणों को प्रभावित करती हैं। CERT-In ने संभावित जोखिमों के कारण इस मुद्दे को 'हाई' वार्निंग अलर्ट के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसमें सिस्टम क्रैश और मनमाने कोड जेनरेट करना शामिल हैं।
एजेंसी के सलाह के अनुसार, ब्राउजर में ये सिक्युरिटी खामियां कंपोजिटिंग और लिबवीपीएक्स में 'यूज-आफ्टर-फ्री' त्रुटियां, FileSystemAccess, Background Fetch, BFCache, Messages, और Tab Strip जैसे API का अनुचित कार्यान्वयन, और V8 जावास्क्रिप्ट इंजन में 'आउट-ऑफ-बाउंड्स मेमोरी राइट्स' जैसे एक्शन से उत्पन्न होती हैं। यूजर को एक किसी वेबसाइट पर जाने के लिए प्रेरित करके इन खामियों का फायदा उठाया जा सकता है। इनकी मदद से हमलावर ब्राउजर को क्रैश कर सकते हैं, मनमाने कोड जेनरेट कर सकते हैं, या सिस्टम को रोक सकते हैं। यदि इस पर तुरंत एक्शन नहीं लिया गया, तो इन खामियों का उपयोग अधिक गंभीर हमलों के लिए एक इंट्री पॉइंट के रूप में किया जा सकता है।
यह अलर्ट डेस्कटॉप सिस्टम पर गूगल क्रोम का उपयोग करने वाले सभी व्यक्तिगत यूजर्स और संगठनों के लिए जारी हुआ है। CERT-In सभी उपयोगकर्ताओं को तुरंत गूगल क्रोम को नए वर्जन में अपडेट करने की सलाह देता है। यह अपडेट आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और आपको संभावित साइबर हमलों से बचाएगा। यूजर्स क्रोम के सेटिंग्स मेनू में जाकर या अधिक विवरण के लिए आधिकारिक क्रोम ब्लॉग पर जाकर अपडेट की जांच कर सकते हैं।