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भारत में 5% से भी कम कंपनियां साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए हैं सुसज्ज : Cisco

गुरुवार को जारी The 2024 Cisco Cybersecurity Readiness Index में पाया गया कि भारत में केवल 4% कंपनियां आज के साइबर खतरों से निपटने के लिए तैयार या सुसज्ज हैं। सर्वे में बड़ी संख्या में कंपनियों का कहना है कि अगले 12-24 महीनों में उनके कारोबार पर ऐसे खतरों का असर पड़ने की आशंका है

अपडेटेड Mar 29, 2024 पर 5:15 PM
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ग्लोबल लेवल पर केवल 3% कंपनियां "mature stage" में हैं। इसका ये मतलब है कि केवल 3 परसेंट कंपनियां ही साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए तैयार हैं

भारत में 5% से भी कम कंपनियां साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए सुसज्ज हैं। एक अध्ययन में ऐसा पाया गया है। हालांकि इन कंपनियों में से बड़ी संख्या में कंपनियों का कहना है कि अगले 12-24 महीनों में उनके कारोबार पर ऐसे खतरों का असर पड़ने की आशंका है। गुरुवार को जारी 2024 सिस्को साइबर सिक्योरिटी रेडीनेस इंडेक्स (The 2024 Cisco Cybersecurity Readiness Index) में पाया गया कि भारत में केवल 4% कंपनियां आज के साइबर खतरों से निपटने के लिए तैयार या सुसज्ज हैं। यहां 59% कंपनियां " इस तैयारी के शुरुआती या प्रारंभिक चरण" में हैं।

वैश्विक स्तर पर, 3% कंपनियां "परिपक्व अवस्था (mature stage)" में हैं। जिसका अर्थ है कि वे साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए तैयार हैं।

Cisco ने कहा कि हालांकि कंपनियां इन हमलों के खिलाफ सुरक्षा का निर्माण कर रही हैं। लेकिन उनकी अपनी अत्यधिक जटिल सुरक्षा व्यवस्था धीमी हो गई है। इन पर मल्टी-प्वाइंट सॉल्यूशंस हावी हैं। यह अध्ययन 8,136 निजी क्षेत्र के बिजनेस लीडर्स के सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें से 1,000 से अधिक भारत से हैं। जिनके पास अपने संगठनों में साइबर सुरक्षा जिम्मेदारियां हैं।


अध्ययन से पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल 82% प्रतिभागियों को उम्मीद है कि साइबर सुरक्षा से जुड़ी कोई घटना अगले 12-24 महीनों में उनके बिजनेस को बाधित कर देगी। इसमें कहा गया है, "इसके लिए तैयार न होने की कीमत काफी हो सकती है। इसमें 74% लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चीजों का सामना किया है। प्रभावित लोगों में से 55% ने कहा कि इसकी वजह से उन्हें कम से कम 300,000 अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।"

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इसमें आगे कहा गया है कि मल्टीपल साइबर सिक्योरिटी प्वाइंट सॉल्यूशंस अपनाने के पारंपरिक दृष्टिकोण ने प्रभावी परिणाम नहीं दिए हैं। इसकी वजह ये है कि 88% लोगों ने स्वीकार किया कि मल्टीपल प्वाइंट सॉल्यूशंस होने से उनकी टीम की ऐसे खतरों का पता लगाने, उस पर रिस्पॉन्ड करने और उनसे उबरने की क्षमता धीमी हो गई है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां साइबर सुरक्षा जोखिमों से अवगत हैं। लेकिन प्रतिभा की कमी इस समस्या को और बढ़ा रही है।

"महत्वपूर्ण प्रतिभा की कमी से इस संबंध में प्रगति बाधित हो रही है। 91% कंपनियों ने इसे एक समस्या के रूप में उजागर किया है। वास्तव में, 59% कंपनियों ने कहा कि सर्वेक्षण के समय उनके यहां साइबर सुरक्षा से संबंधित 10 से अधिक पद खाली थे। " ऐसा अध्ययन में कहा गया है।

हालांकि, अध्ययन में कहा गया है कि बिजनेस इस समस्या से निपटने के लिए अपने निवेश में वृद्धि कर रहे हैं। 71% कंपनियां अगले 12-24 महीनों में अपने आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्वपूर्ण रूप से अपग्रेड करने की योजना बना रही हैं।

 

 

 

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