iPhone Manufacturing: तमिलनाडु में चेन्नई शहर के पास मौजूद iPhone मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री को पेगाट्रॉन (Pegatron) के जरिए टाटा ग्रुप को हैंडओवर देने की बात की जा रही है। इस डील के मुताबिक, पेगाट्रॉन और टाटा ग्रुप का ये ज्वॉइंट वेंचर रहेगा, जिसमें टाटा ग्रुप की 65 फीसदी की हिस्सेदारी रहेगी। टाटा Iphone मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री को चलाएगा और पेगाट्रॉन इस फैक्ट्री में तकनीकी सहायता देगा।
सूत्रों की मानें तो टाटा भारत का एक बड़ा ग्रुप है, जो ज्वॉइंट वेंचर को अपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स इकाई के माध्यम से इसका संचालन करेगा। आपको बता दें, पेगाट्रॉन की भारत की फैक्ट्री में लगभाग 10,000 कर्मचारी हैं और यहां सालभर में तकरीबन 5 मिलियन यानी 50 लाख आईफोन बनाए जाते हैं।
हालांकि इस ज्वॉइंट वेंचर के बारे में टाटा और पेगाट्रॉन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही एप्पल की तरफ से कोई रिस्पॉन्स आया है। यहां आपको ये भी बता दें कि पेगाट्रॉन ने चीन में अपनी iPhone फैक्ट्री का कंट्रोल लक्सशेयर को बेच दिया था और अब ये भारत में भी अपने बिजनेस को कम कर रहा है। ये भी माना जा रहा है कि पेगाट्रॉन चेन्नई कैंपस में काफी समय से एक और iPhone फैक्ट्री का निर्माण कर रहा है, जिसे इस डील में शामिल किया जा सकता है।
इस महीने हो सकता है कॉन्ट्रैक्ट
वहीं टाटा ग्रुप के पास पहले से ही iPhone असेंबली प्लांट कर्नाटक में है, जो टाटा ने विस्ट्रॉन से लिया था और अब वह टाटा एक प्लांट तमिलनाडु में बना रहे हैं। टाटा के लिए पेगाट्रॉन प्लांट उनकी iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांस को स्ट्रांग बनाएगा। ये भी माना जा रहा है कि पेगाट्रॉन और टाटा के बीच ये कॉन्ट्रैक्ट इस महीने के अंत तक खत्म होने की उम्मीद है। ऐसा होने और ऑफिशियल एनाउंसमेंट के बाद पेगाट्रॉन के कर्मचारियों को ज्वॉइंट वेंचर इकाई में शिफ्ट कर किया जाएगा।
बताते चलें, भारत में एप्पल, iPhone के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर राइट्स टाटा, पेगाट्रॉन और फॉक्सकॉन के पास हैं। टाटा भारत में iPhone की डिमांड को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पिछले साल जहां कुल आईफोन शिपमेंट 12-14% था, इस साल बढ़कर कुल आईफोन शिपमेंट का 20-25% हिस्सा हो सकता है।