PLI scheme deadline : मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल उत्पादन इकाई स्थापित करने वाली रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के लिए समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। PLI के लिए चुनी गई कंपनियों को अप्रैल 2026 तक अपनी इंटीग्रेटेड या आंशिक रूप से इंटीग्रेटेड सौर मॉड्यूल इकाईयों को चालू करना था। हालांकि, इस मामले में वास्तविक प्रगति केवल 20 फीसदी ही हुई है। मनीकंट्रोल के पास उपलब्ध मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) के आंकड़ों से पता चलता है कि 130.7 गीगावाट क्षमता में से सिर्फ 25.5 गीगावाट क्षमता ही शुरु हो पाई है। इस योजना के मुताबिक प्रोत्साहन राशि प्रोजोक्ट्स के चालू होने के बाद पांच वर्ष की अवधि में वितरित की जानी थी।
चीनी तकनीशियनों के लिए वीज़ा संबंधी दिक्कतें,सप्लाई चेन में परेशानी तथा धीमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के कारण सौर मॉड्यूलों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो गई है। इसकी वजह से सरकार इसकी समय सीमा में विस्तार कर सकती है
भारत की कुल सौर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता लगभग 90 गीगावाट है। इसमें से 17.5 गीगावाट PLI योजना के तहत आता है। इसी तरह, देश में अब 25 गीगावाट की सौर सेल उत्पादन क्षमता है, जिसमें से 6 गीगावाट PLI के तहत विकसित किया गया है।
MNRE के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि MNRE, PLI स्कीम की समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसे एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा या केस-टू-केस आधार पर नई समय सीमा तय की जाएगी, इस पर अभी फैसला होना बाकी है। इसके अलावा, एक बार जब ये तौर-तरीके तय हो जाएंगे, तो MNRE को उद्योग संवर्धन विभाग ((DPIIT) को प्रस्ताव भेजना होगा।
सौर मॉड्यूल के लिए पहली PLI योजना (ट्रेंच I) सितंबर 2021 में शुरू की गई थी। वहीं, PLI का नया संस्करण एक साल बाद सितंबर 2022 में शुरू किया गया था। इसके लिए तीन श्रेणियों में बोलियां मांगी गई थीं। ये थईं पॉलीसिलिकॉन-इंगोट-वेफ़र्स-सेल-सीएम मॉड्यूल-मॉड्यूल (प्लाइसिलिकॉन-इंगोट-वेफ़र्स-सीमॉड्यूलेट्स-मॉड्यूल्स) (PWCM), और सेल-मॉड्यूल्स (CM)। इस योजना के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को नोडल एजेंसी बनाया गया था।
PLI योजना के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज, फर्स्ट सोलर, इंडोसोल सोलर प्राइवेट लिमिटेड, वारी ग्रुप, अवाडा, जेएसडब्ल्यू ग्रुप, रिन्यू और ग्रू एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड सहित कई कंपनियों का चयन किया गया था।
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