Bangladesh ISKCON priest arrested: इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना संस्था) ने प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को हिरासत में लेने के लिए बांग्लादेश सरकार की आलोचना की है। X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में धार्मिक संगठन ने कहा है कि यह बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है। बांग्लादेश में तख्तापलट की कोशिश के दौरान से अब तक जारी वहां के हिंदू बाशिंदों के खिलाफ हिंसा थमी नहीं है। इसके खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बांग्लादेश की मीडिया से आई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को ढाका एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया। अब जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, उसकी मानें तो चिन्मय प्रभु को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
भिक्षु की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए संगठन ने मामले में भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की भी मांग की है। संगठन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "इस्कॉन भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने और यह बताने का आग्रह करता है कि हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं।"
बांग्लादेशी अधिकारियों ने हिंदू नेता पर देशद्रोह का आरोप लगाया है। यह घटनाक्रम कृष्ण दास द्वारा हिंदू समुदाय के लिए न्याय की मांग करते हुए एक विशाल रैली आयोजित करने के कुछ दिनों बाद हुआ है। दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की नई लहर के मद्देनजर हिंदुओं के लिए अधिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
हालांकि अभी तक नई दिल्ली की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन न्यूज18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने इस घटना पर ध्यान दिया है। इस बीच, साधु की रिहाई के लिए आवाज उठ रही है।
X पर एक पोस्ट में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने 'लोकतांत्रिक राष्ट्र के विघटित होकर धर्मतंत्रीय और निरंकुश बनने' पर अपनी चिंता व्यक्त की। धार्मिक नेता ने अपने पोस्ट में कहा, "धर्म या जनसांख्यिकी की कमजोरी के आधार पर उत्पीड़न लोकतांत्रिक देशों का तरीका नहीं है। दुर्भाग्य से हमारा पड़ोस लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर हो गया है।"
क्यों हिरासत में लिया गया?
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने 22 नवंबर को बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में एक रैली की थी। अब माना जा रहा है कि इसी की वजह से चिन्मय कृष्ण प्रभु के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। दावा यह भी किया जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार नहीं चाहती थी कि चिन्मय दास देश से बाहर निकलें। यही वजह रही कि वह जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में जो रैली हुई थी, उसमें हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था। इस रैली में यह कहा गया था कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार लगातार अल्पसंख्यकों को खासकर हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है। इसमें विरोध करते हुए कहा गया था कि बीएनपी के सहयोग से कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के लोग खुलेआम इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों की हत्या करने की धमकियां दे रहे हैं।